व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आरोप लगाया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां त्योहारी सीजन की सेल के जरिए सरकार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का चूना लगा रही हैं।
खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को चीन के सामानों का बहिष्कार करने का आह्वान किया। संगठन ने चीन के सामानों पर 500 प्रतिशत तक सीमा शुल्क लगाने की सरकार से मांग भी की।
असंगठित क्षेत्र के व्यापारियों के एक प्रमुख का कहना है कि इस साल नोटबंदी तथा जीएसटी के कारण दीपावली का त्यौहार की तस्वीर बदली हुई थी।
ई-कॉमर्स कंपनियों की तरफ से दिए जा रहे भारी डिस्काउंट के खिलाफ दुकानदारों और व्यापारियों ने कमर कस ली है।
यदि शराब की बिक्री के लिए डिजिटल भुगतान को अनिवार्य कर दिया जाए, तो इससे स्वत: ही डिजिटल भुगतान बढ़ेगा।
व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन कैट ने GSTका क्रियान्वयन सितंबर तक टालने की मांग की है। उसका कहना है कि छोटे कारोबारी अभी इसके तैयार नहीं हैं।
प्रोडक्ट्स के बायकॉट से चीन बौखलाया गया है। इस पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि, भारतीय मेहनती नहीं होते हैं, सिर्फ उन्हें भौंकना आता है।
सोशल मीडिया पर इस दिवाली चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया जा रहा है, इसका असर दिख रहा है। इसके कारण चाइनीज प्रोडक्ट की बिक्री 30 फीसदी तक घटेगी।
वाणिज्य मंत्रालय ने कैट से कराधान और बैंकिंग सहित उन मुद्दों की सूची बनाने को कहा है कि जिनकी वजह से कारोबार सुगमता में अड़चन आ रही है।
दाल की बढ़ती कीमत पर चिंता जताते हुए व्यापारियों के प्रमुख संगठन कैट ने कहा कि सरकार को पहले आयातकों की भंडारण सीमा तय करनी चाहिए।
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