केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के ताजा आंकड़ों के अनुसार चार दिनों से कम कोयले वाले गैर-पिट हेड परियोजनाओं की संख्या 17 अक्टूबर को 61 थी, जबकि यह आंकड़ा 10 अक्टूबर को 70 और तीन अक्टूबर को 64 था।
अगस्त में 1.52 करोड़ टन के कुल आयात में नॉन कोकिंग कोयले का हिस्सा 90.8 लाख टन रहा, जो कि पिछले साल अगस्त में 1.03 करोड़ टन था।
कोल इंडिया का यह फैसला बताता है कि देश में बिजली और कोयले की हालत कितनी गंभीर है।
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के जरिये निजी कंपनियों ने सिर्फ तीन दिन के अंदर देश भर में मनमानी दरों पर बिजली बेचकर 840 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है।
तेल की कीमतें वृद्धि के साथ 83 डॉलर प्रति बैरल हो गयी है और कोयले की कीमत भी उछाल के साथ 200 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गयी है।
जोशी ने कहा कि कुछ कोयला खदानों के बंद होने और मानसून के कारण कुछ अन्य खदानों के जलमग्न होने से बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हुई। मंत्री ने बैठक में खनन के लिए जमीन की उपलब्धता से जुड़े मुद्दे पर भी चर्चा की।
केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने जानकारी दी गयी कि थर्मल पावर प्लांट्स को 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति की गयी है। इसके साथ ही स्टॉक में सुधार भी शुरू हो गया है।
अगले 5 से 7 दिन में 20 लाख टन कोयला प्रतिदिन की सप्लाई शुरू हो जायेगी। वही कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिये रेलवे की साढ़े तीन सौ रैक की उपलब्धता कर दी गयी है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान पावर सेक्टर के लिए लोडिंग 225.3 रैक प्रतिदिन रही, जो पिछले साल की समान अवधि के 176.3 रैक की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक है।
विद्युत मंत्रालय ने राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए आवंटित नहीं की गई बिजली का उपयोग करें
केरल की सरकार हालात पर पैनी नज़र बनाए हुए है। आम लोगों से अपील की गई है कि वे सोच समझकर बिजली खर्च करें नहीं तो भविष्य में संकट आ सकता है।
देश में इस वर्ष कोयला का हालांकि रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, लेकिन अत्यधिक वर्षा ने कोयला खदानों से बिजली उत्पादन इकाइयों तक ईंधन की आवाजाही को ख़ासा प्रभावित किया है।
इस वर्ष सितंबर 2021 तक घरेलू कोयला आधारित बिजली उत्पादन में लगभग 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं आयात आधारित बिजली संयंत्रों द्वारा पीपीए के तहत बिजली की आपूर्ति लगभग 30 प्रतिशत कम हो गई है।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि किसी भी पॉवर प्लांट में कोयले का स्टॉक कम से कम 15 दिन से कम का नहीं होना चाहिए। वैसे तो 20 से 30 दिन का स्टॉक होना चाहिए। ज्यादात्तर प्लांट्स में 2 से 3 दिन का स्टॉक बचा है।
कोयले की कमी की वजह से एमएसईडीसीएल को बिजली की आपूर्ति करने वाले 13 थर्मल पावर प्लांट में उत्पादन ठप हो गया है, इसकी वजह से 3300 मेगावाट से ज्यादा बिजली की आपूर्ति पर असर पड़ा है।
कोल इंडिया लिमिटेड का बोर्ड अपनी सहायक कंपनी केंद्रीय खनन योजना एवं डिजाइन संस्थान लिमिटेड (सीएमपीडीआईएल) में 10 प्रतिशत विनिवेश के केंद्र के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकता है।
ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने जहां देश में किसी तरह के बिजली संकट नहीं होने का दावा किया लेकिन महाराष्ट्र सरकार के बिजली विभाग ने एक प्रेस रिलीज जारी कर राज्य की जनता से बिजली की बचत करने की अपील कर दी है।
ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि देश में बिजली का संकट नहीं है और और फिलहाल कोयले का भरपूर स्टॉक मौजूद है।
सरकार के मुताबिक कोयले की अंतरराष्ट्रीय कीमतों और बारिश की वजह से देश की कोयला खदानों में कामकाज पर असर से बिजली उत्पादन घटा है, लेकिन उम्मीद है कि यह स्थिति 3-4 दिन में ठीक हो जायेगी।
देश के कई इलाकों में अत्यधिक वर्षा के कारण कोयला की आवाजाही प्रभावित होने से दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों में बिजली संकट गहरा गया है।
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