रेलवे ने अगले 20 दिनों तक ट्रेनों को कैंसिल करने का जो फैसला किया है, उससे आम आदमी को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी।
इस वक्त ज्यादातर राज्यों में जहां गर्मी प्रचंड पड़ रही है वहीं, बिजली की कमी की भी समस्या सामने आ पड़ी है। इसे लेकर अलग अलग राज्यों के मुख्यमंत्री के बयान आए थे कि इन राज्यों को कोयला नहीं मिल पा रहा है जिसकी वजह से बिजली संकट खड़ा हो रहा है जिसे देखते हुए गृहमंत्री ने ये बैठक बुलाई है।
देशभर के साथ ही राजधानी में भी कोयले की कमी का असर देखा जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को फिर कोयले की कमी का मुद्दा उठाया।
देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली संकट के मद्देनजर कोयला माल ढुलाई बढ़ाने के लिए रेलवे ने अब तक 42 यात्री रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया है। इसके चलते छत्तीसगढ़, ओड़िशा, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे कोयला उत्पादक राज्यों से आने-जाने वाले लोगों को असुविधा हो रही है।
कोयले की कमी को लेकर गहराते संकट के बीच, दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति में संभावित बाधा आने को लेकर बृहस्पतिवार को चेतावनी दी।
इस सड़क से 30 फीट की दूरी पर 4 अवैध माइंस चल रहे हैं। यहां पर अंदर ही अंदर अवैध खनन कर कोयला निकाल ली गई, जिससे यह हादसा हुआ।
झारखंड सरकार के खान विभाग के निदेशक अमित कुमार ने बताया, ‘‘कुछ ग्रामीणों के खदान में फंसे होने की आशंका है और बचाव अभियान चल रहा है।’’
कुछ कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों के लिए आयातित कोयले पर आने वाली उच्च लागत का भार उपभोक्ताओं पर डालने देने पर सहमति बनी है
एक ओर पंजाब सरकार ने 1 जुलाई से 300 यूनिट बिजली फ्री करने की घोषणा की है। वहीं पंजाब सहित देश के विभिन्न राज्यों में भीषण गर्मी के बीच देशभर में बिजली संकट और गहराने के कगार पर है।
केंद्र सरकार ने सोमवार को बताया कि गुजरात में छह हजार करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के घोटाले के संबंध में उसे शिकायत मिली है लेकिन इसकी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का कोई प्रस्ताव उसके पास विचाराधीन नहीं है।
झारखंड में सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने पिछले वित्तीय वर्ष में 6.88 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया, जो अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है। सीसीएल के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इस वर्ष कोयला उत्पादन पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 15.77 करोड़ टन तक पहुंच गया है।
संगठन के अनुसार वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संसाधनों की बढ़ती कीमतों के बीच बिजली उत्पादक अपनी मांग को पूरा करने के लिए घरेलू कोयले की आपूर्ति को लेकर सरकार पर दबाव डालेंगे।
सितंबर में कुल कोयला आयात में नॉन-कोकिंग कोल का हिस्सा 92.2 लाख टन रहा। पिछले साल सितंबर में यह आंकड़ा 1.19 करोड़ टन रहा था। वहीं इस दौरान कोकिंग कोयले का आयात 45.8 लाख टन से घटकर 42.7 लाख टन पर आ गया।
ओएनजीसी का दूसरी तिमाही के दौरान शुद्ध लाभ 18,347.73 करोड़ रुपये रहा, वहीं कोल इंडिया को तिमाही के दौरान 2,936 करोड़ रुपये का लाभ हुआ।
सूत्र ने बताया कि बिजली संकट के बीच सूखे कोयले की निर्बाध आपूर्ति के कारण बकाया राशि में और उछाल आया है और बकाया राशि पहले ही लगभग 24,000-25,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
सरकार ने कोल इंडिया को नवंबर के अंत तक ताप बिजली घरों के पास कम से कम 18 दिन का कोयला भंडार सुनिश्चित करने को कहा है।
फिलहाल बिजली संयंत्रों के पास 5 दिन का कोयला भंडार है जिसके इसी हफ्ते में बढ़कर 6 दिन का होने की उम्मीद है। बीते 1 हफ्ते से कोयले के भंडार 2 लाख टन प्रति दिन से बढ़ रहे हैं
आधिकारिक बयान में कहा गया कि नौ दिनों से कोयले के भंडार में वृद्धि के साथ, बिजली संयंत्रों के पास पांच दिनों का भंडार उपलब्ध है, जो एक हफ्ते में बढ़कर 6 दिन का हो जायेगा
CEA के आंकड़ों के अनुसार 11 अक्टूबर को चार दिन से कम भंडार वाली परियोजनाओं की संख्या 69 थी। CEA 135 ताप बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार की स्थिति पर नजर रखता है।
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