गर्मी अपने शुरुआती दौर में ही डराने लगी है। दुनिया की कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि हर नए साल के साथ दुनिया का तापमान बढ़ रहा है। साल 2022 का फरवरी माह अब तक का पांचवा सबसे गर्म फरवरी का महीना रहा। वहीं 2021 रिकॉर्ड 5वां सबसे गर्म साल था।
वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व भर के युवा जलवायु परिवर्तन की गंभीरता से कहीं अधिक अवगत हैं और जलवायु के मोर्चे पर तुरंत मजबूती से कार्रवाई चाहते हैं।
जर्मनी के राजदूत वाल्टर लिंडनर ने कहा कि विकास के लिए समर्थन और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई भारत और उनके देश के बीच संबंधों के प्रमुख क्षेत्रों में है।
फिलीपीन के मनीला स्थित एडीबी की निगरानी में संचालित क्षेत्रीय ग्रीन रिकवरी प्लेटफॉर्म के तहत अब तक दो अरब डॉलर की राशि जुटाई जा चुकी है।
' पिछले कुछ दशकों ने सिद्ध किया है कि जलवायु परिवर्तन के प्रकोप से कोई भी अछूता नहीं है, चाहे वो विकसित देश हों और फिर प्राकृतिक संसाधनों से धनी देश हों, यह सभी के लिए बड़ा खतरा है'
प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी को हर गांव में पहुंचाने की जरूरत है और इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कदम उठाए गए हैं।
मोदी, 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से सातवीं बार अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं। बायडेन के साथ शुक्रवार को हुई बैठक को महत्वपूर्ण करार देते हुए मोदी ने कहा कि वे इस शताब्दी के तीसरे दशक में मिल रहे हैं।
नीति समन्वय एवं कार्यक्रम प्रबंधन (पीसीपीएम) संभाग के वरिष्ठ सलाहकार तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में जलवायु परिवर्तन सलाहकार अखिलेश गुप्ता ने नीतिगत संवाद में कहा कि (अध्ययन में) पाया गया कि देश के आठ राज्यों- झारखंड, मिजोरम, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, असम, बिहार, अरूणाचल प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल पर जलवायु परिवर्तन का अधिक असर पड़ने की आशंका है।
जलवायु परिवर्तन धरती पर और भी ज्यादा विनाशकारी होने वाला है जिसका असर भारत पर भी होगा। यह बात संयुक्त राष्ट्र के इंटरगवर्नमेंटल पैनल फॉर क्लाइमेट चेंज (IPCC) की एक नई रिपोर्ट में सामने आई है।
राज्य के राहत और पुनर्वास विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र में 200,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, भारतीय सेना, तटरक्षक बल, नौसेना, वायु सेना और राज्य के अधिकारियों को बचाव प्रयास के तहत तैनात किया गया है। हाल के दिनों में हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भूस्खलन और बाढ़ के कारण दर्जनों पर्यटक फंसे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से आ रही चुनौतियों के प्रति भारत ना सिर्फ जागरूक है बल्कि सक्रियता से काम भी कर रहा है। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि अपना देश आज जलवायु न्याय का अगुवा भी बनकर उभरा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 22-23 अप्रैल को अपने प्रशासन द्वारा आयोजित किए जाने वाले शिखर सम्मेलन में जलवायु पर चर्चा करने करने के लिए कई हस्तियों को आमंत्रित किया है, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं।
तापमान में वृद्धि के कारण 21वीं सदी की शुरुआत के बाद से ही हिमालय के हिमखंड (ग्लेशियर) दोगुनी तेजी से पिघल रहे हैं, जिसके चलते भारत समेत विभिन्न देशों के करोड़ों लोगों को जलापूर्ति प्रभावित होने का सामना करना पड़ सकता है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में भारत द्वारा किये जा रहे “अतुलनीय कार्यो” की प्रशंसा की और चेताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया के सामने कोरोना वायरस महामारी से भी बड़ी आपदा है।
जलवायु परिवर्तन विषय पर काम करने वाले प्रमुख संगठन 'क्लाइमेट ट्रेंड्स' की मुख्य अधिशासी अधिकारी आरती खोसला के मुताबिक टिड्डियों के झुंड पैदा होने का जलवायु परिवर्तन से सीधा संबंध है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कट्टरता और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं दुनिया भर में शांति को बाधित कर रही हैं और इनका समाधान केवल भारत के पास है क्योंकि उसके पास समग्र रूप से सोचने और इस समस्याओं से निपटने का अनुभव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार सतत विकास के मार्ग का अनुसरण करने में दृढ़ विश्वास रखते हुए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना विकास सुनिश्चित कर रही है।
दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में जमा देने वाली ठंड पड़ रही है। दिसंबर में इस बार जो शीतलहर जारी है वह ऐतिहासिक है। यह दिसंबर पिछले 100 सालों के दौरान दूसरा सबसे ठंडा दिसंबर बनने जा रहा है।
मैड्रिड में पर्यावरण पर जारी संयुक्त राष्ट्र का शिखर सम्मेलन एक बार फिर बिना किसी ठोस नतीजे के रविवार को समाप्त हो गया। देशों के बीच चली लंबी बातचीत में ग्लोबल वार्मिंग आपदा को टालने की योजना बनाने पर अमल को लेकर उनके बीच पहले से कहीं अधिक मतभेद नजर आए।
द लांसेट पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार बदलते जलवायु परिदृश्य में तापमान बढ़ने के कारण भारत में पैदा होने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
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