Global Warming: विश्व भर में क्लाइमेट चेंज का असर अब सीधा असर दिखने लगा है। यूरोप में भीषण गर्मी यह बताती है कि मौसम कैसे तेजी से बदल रहे हैं। इस साल यूरोप 40 से 45 डिग्री तापमान चला गया था।
Netherlands: दुनिया का एक ऐसा देश जहां 90 फ़ीसदी लोग मांसाहारी है फिर भी हैरान कर देने वाली बात है कि यहां आप लोग मांस से दूरी बना रहे हैं। हम बात कर रहे हैं नीदरलैंड की।
सिंध और बलूचिस्तान में पिछले महीने हुई 50 प्रतिशत अधिक बारिश की वजह जलवायु परिवर्तन होने की आशंका जतायी गयी है।
10 में से 7 से ज्यादा लोगों को इस बात की आशंका है कि अगले 10 वर्षों में उनके क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन का गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
माना जाता है कि अगर पृथ्वी के बढ़ते तापमान को सीमित करने की दुनिया की कोशिशों को सफल बनाना है तो इसमें अमेरिका-चीन का सहयोग बेहद जरूरी है।
Climatarian Flexitarian or Vegetarian: आहार अभी भी आपको मांस और अन्य उच्च उत्सर्जन वाले खाद्य पदार्थ जैसे सूअर का मांस, मुर्गी पालन, मछली, डेयरी उत्पाद और अंडे खाने की अनुमति देता है। तो यह ‘जलवायु संबंधी मांसाहारी आहार’ का एक नया स्वरूप है।
Arctic Warming: आर्कटिक प्रवर्धन के परिमाण को मापने के लिए संख्यात्मक जलवायु मॉडल का उपयोग किया गया है। वे आमतौर पर अनुमान लगाते हैं कि प्रवर्धन अनुपात लगभग 2.5 है, जिसका अर्थ है कि आर्कटिक वैश्विक औसत से 2.5 गुना तेजी से गर्म हो रहा है।
जल चक्र वायुमंडल, सागर, भूमि, जलाशय और जमी हुई बर्फ के बीच पानी के संचरण से बनता है। यह बारिश या बर्फबारी के तौर पर वायुमंडल से धरती पर गिर सकता है, भूमि द्वारा सोखा जा सकता है और नदियों-जलाशयों में बह सकता है, समुद्र में मिल सकता है, जम सकता है और वाष्पीकरण के जरिये दोबारा वायुमंडल में पहुंच सकता है।
Heatwave: यूरोप जिसे पूरी दुनिया में वहां पड़ने वाली सर्दी के लिए जाना जाता है, वह इस वक्त हीटवेव की मार और गर्मी झेल रहा है। एक तो बढ़ती गर्मी ऊपर से फ्रांस, पुर्तगाल, स्पेन और ग्रीस के जंगलों में लगी आग ने यूरोप के तापमान को और बढ़ा दिया है।
Monsoon Update: जहां एक तरफ महाराष्ट्र और गुजरात समेत देश के कई राज्यों में बारिश की वजह से बाढ़ का कहर है तो कई जगह लोग बारिश के लिए तरस रहे हैं।
Climate Change: भारत ने जर्मनी के बोन शहर में जलवायु परिवर्तन पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में साफ कह दिया है कि विकसित देशों में रहने वाली दुनिया की 10% आबादी 52% कार्बन छोड़ने के लिए जिम्मेदार है।
Extreme heat in India: जलवायु संबंधी एक अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत और पाकिस्तान में लंबे समय से जारी भीषण गर्मी ने व्यापक मानवीय पीड़ा और वैश्विक स्तर पर गेहूं की आपूर्ति को प्रभावित किया, तथा मानव जनित गतिविधियों के कारण इसके और अधिक तेज होने की संभावना 30 गुना अधिक है।
हाल की गर्मी की लहर पर विशेष रूप से नजर रखने वाले और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को मापने वाले एक अध्ययन में कहा गया है कि लंबे समय तक लू चलने की संभावना 30 फीसदी ज्यादा है
देश और दुनिया के जंगलों में आग लगने की सबसे बड़ी वजह जलवायु परिवर्त को बताया जा रहा है, लेकिन कई बार अफसरों की लापरवाही के कारण भी काफी नुकसना हो जाता है।
अमेरिका में फिर एक भारतीय ने परचम लहराया है। कई बड़े पदों पर बैठे भारतीयों में एक नाम और जुड़ गया। ये नाम है साइंटिस्ट अरुण मजूमदार।
गर्मी अपने शुरुआती दौर में ही डराने लगी है। दुनिया की कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि हर नए साल के साथ दुनिया का तापमान बढ़ रहा है। साल 2022 का फरवरी माह अब तक का पांचवा सबसे गर्म फरवरी का महीना रहा। वहीं 2021 रिकॉर्ड 5वां सबसे गर्म साल था।
वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व भर के युवा जलवायु परिवर्तन की गंभीरता से कहीं अधिक अवगत हैं और जलवायु के मोर्चे पर तुरंत मजबूती से कार्रवाई चाहते हैं।
जर्मनी के राजदूत वाल्टर लिंडनर ने कहा कि विकास के लिए समर्थन और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई भारत और उनके देश के बीच संबंधों के प्रमुख क्षेत्रों में है।
फिलीपीन के मनीला स्थित एडीबी की निगरानी में संचालित क्षेत्रीय ग्रीन रिकवरी प्लेटफॉर्म के तहत अब तक दो अरब डॉलर की राशि जुटाई जा चुकी है।
' पिछले कुछ दशकों ने सिद्ध किया है कि जलवायु परिवर्तन के प्रकोप से कोई भी अछूता नहीं है, चाहे वो विकसित देश हों और फिर प्राकृतिक संसाधनों से धनी देश हों, यह सभी के लिए बड़ा खतरा है'
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़