पाकिस्तान की सरकार और उच्चतम न्यायालय के बीच ठन गई है। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल के इस्तीफे की मांग की। उच्चतम न्यायालय के एक अन्य न्यायाधीश ने पंजाब प्रांत में चुनाव कराने के संबंध में स्वत: संज्ञान नोटिस पर असहमति जाहिर की थी।
सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बार की तरफ से अफसोस जताते हुए कहा, आज सुबह जो हुआ, उसके लिए मुझे खेद है। मैं माफी मांगता हूं। एक लक्ष्मण रेखा है, जिसे हममें से किसी को पार नहीं करना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि बार को मर्यादा की सीमाओं को पार करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई चंद्रचूड़ ने दो नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। बता दें कि शीर्ष अदालत में जजों की संख्या 34 होनी चाहिए थी, जो आज दो जजों के शपथ लेने के साथ ही पूरी हो गई।
नए जजों की नियुक्ति को लेकर दो महीने तक चले लंबे विवाद के बाद आज सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। जानिए उनके बारे में सबकुछ--
भारत के मुख्य न्यााधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत के लिए कोई आम या खास नहीं होता, कोर्ट की नजर में सभी समान हैं।
CJI DY Chandrachud Spoke on Emergency in 1975: देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा वर्ष 1975 में लगाई गई इमरजेंसी की चर्चा समय-समय पर होती रहती है। इसे लेकर कई बार पक्ष और विपक्ष में तकरार भी हो चुकी है। मगर इमरजेंसी का यह फैसला देश के माथे पर ऐसा कलंक बन चुका है कि जिसका जिक्र यदा-कदा हो ही जाता है।
संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि, यह सबसे महत्वपूर्ण है कि लोगों को न्याय की तलाश में अदालतों तक पहुंचने के बजाय लोगों तक पहुंचने के लिए अदालतों को फिर से तैयार किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोर्ट खुद का लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म बनाने की ओर काम कर रहा है। बता दें कि CJI धनंजय वाई.चन्द्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की।
देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट उन छोटे-छोटे मामलों को निपटाता है, जो आम नागरिकों को शांति, खुशी और विश्वास देते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस चंद्रचूड़ को भारत के 50वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलायी। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक 2 साल के लिए इस पद पर रहेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।
धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने भारत के 50वें मुख्य न्यायधीश के तौर पर शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलवाई। चंद्रचूड़ इस पद पर 2 साल तक बने रहेंगे और उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा। चंद्रचूड़ ने भारत की न्यायपालिका में अब तक के इतिहास में ऐतिहासिक फैसलों को सुनाया है।
CJI DY Chandrachud: जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 तक सीजेआई का पद संभालेंगे। डी.वाई. चंद्रचूड़ के पिता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वाई.वी. चंद्रचूड़ सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सीजेआई रहे थे।
New CJI:देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब बाप और बेटा दोनों ही भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने का गौरव हासिल कर एक नया इतिहास बनाएंगे। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) यू यू ललित का कार्यकाल अब खत्म होने को है।
Supreme Court CJI: मौजूदा मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित का कार्यकाल 8 नवंबर 2022 को समाप्त हो रहा है। इससे पहले उन्हें देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के नाम की चिट्ठी सरकार को भेजनी थी। इससे पहले पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पत्र लिखकर उन्हें अगले CJI का नाम सुझाने को कहा था।
Supreme Court CJI: प्रधान न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के रूप में वरिष्ठतम न्यायाधीश को नामित करते हैं। इस परंपरा के अनुसार, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश हो सकते हैं।
CJI UU Lalit: न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि ओडिशा, झारखंड, राजस्थान और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों में न्यायपालिका में महिलाओं की संख्या पहले से ही अच्छी-खासी है।
Places of worship act: सॉलिसिटर जनरल ने इस मामले में जवाब देने के लिए और ज्यादा वक्त की मांग की है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
N.V. Ramana: भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एन.वी.रमण ने कहा कि अदालतों को निष्पक्ष होना चाहिए और उसके फैसलों से लोकतंत्र में सुधार होना चाहिए।
Interesting aspects related to new CJI: देश के 49 वें मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस उदय उमेश (यूयू) ललित की जिंदगी रोचक पहलुओं से भरी पड़ी है। उनके दादा से लेकर पिता तक नामचीन वकील और हाईकोर्ट के जज रहे हैं।
Bilkis Bano Gangrape Case: 134 पूर्व नौकरशाहों ने CJI को पत्र लिखा और कहा कि बिलकिस बानो गैंगरेप के दोषियों की रिहाई निर्णय की निष्पक्षता और स्वतंत्रता के महत्वपूर्ण प्रश्न को उठाता है, और प्रक्रिया और उसके परिणाम दोनों को खराब करता है।
संपादक की पसंद