अगर रिपोर्ट खिलाफ है तो चीफ जस्टिस की राज्यसभा में होगी पेशी। उसके बाद वोटिंग की जाएगी। प्रस्ताव की जीत के लिए 123 वोट जरूरी है, लेकिन अभी जिन 7 दलों ने महाभियोग का प्रस्ताव रखा है, उनके उच्च सदन में सिर्फ 78 सांसद हैं यानी प्रस्ताव गिरना लगभग तय है।
हर मुद्दे पर कांग्रेस का साथ देने वाली पार्टियों की बात छोड़ दें, महाभियोग प्रस्ताव पर कांग्रेस घर के अंदर ही बंट गई है। एक नहीं, कांग्रेस के दो-दो कानून मंत्रियों ने अपनी पार्टी के फैसले पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
संवैधानिक विशेषज्ञों ने आज महसूस किया कि कांग्रेस नीत विपक्ष का देश के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पद से हटाने की कार्यवाही शुरू करने के लिये दिये गए नोटिस से राजनीति की बू आती है और यह संसद में पारित नहीं हो पाएगा।
यह पहला अवसर है जब देश के चीफ जस्टिस को पद से हटाने के लिये उन पर महाभियोग चलाने के प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है...
कांग्रेस के नेतृत्व में 7 विपक्षी दलों ने शुक्रवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर ‘गलत आचरण’ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को महाभियोग का नोटिस दिया...
कौन हैं जस्टिस दीपक मिश्रा जिनके खिलाफ कांग्रेस और 7 अन्य विपक्षी पार्टियों ने महाभियोग का नोटिस सौंपा हैं।
कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही के लिए नोटिस देने का निर्णय लिया है। कांग्रेस ने बताया कि इस नोटिस को कांग्रेस समेत 7 पार्टियों का समर्थन हासिल है और इसपर 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं...
जस्टिस जे . चेलमेश्वर ने आज कहा कि महाभियोग हर सवाल या समस्या का जवाब नहीं हो सकता और प्रणाली को दुरूस्त किए जाने की जरूरत है।
पार्टी ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए सांसदों के जरूरी हस्ताक्षर ले लिए हैं।
जस्टिस चेलामेश्वर ने 21 मार्च को लिखे पत्र में आगाह किया, ‘‘ न्यायपालिका और सरकार के बीच किसी भी तरह का भाईचारा लोकतंत्र के लिए मौत की घंटी है।’’
कांग्रेस महाभियोग प्रस्ताव के लिए विपक्षी सांसदों के हस्ताक्षर लेने शुरू कर दिए हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने मंगलवार को कहा कि वह देश के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर एक महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है।
‘‘मेरे पिता की स्वभाविक मृत्यु हुई थी, हमारे परिवार को इस बात का पक्का यकीन है। मैंने खुद साफ किया है कि हमें कोई संदेह नहीं है। यह एक स्वभाविक मृत्यु थी।’’
आधिकारिक जानकारी के अनुसार पांच न्यायाधीशों की पीठ में सीजेआई दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर जजों की ओर से चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोले जाने के बाद सुलह की कोशिशें तेजी से चल रही हैं...
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जज मीडिया के सामने आये थे और जस्टिस चेलामेश्वर ने प्रेस कॉंफ्रेस करके कई सवाल खड़े किये। पूरी प्रेस कॉंफ्रेस को जस्टिस चेलामेश्वर से संबोधित किया और बाकी जस्टिस उनकी बात से सहमति जताते रहे।
आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले में 23 जून को जन्में जस्ती चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के जज रहने से पहले केरल के उच्च न्यायालय और गौहाती उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।
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