लंबे समय से भारतीय नागरिकता पाने के लिए संघर्ष कर रहे 54 पाकिस्तानियों को सीएए के तहत भारत की नागरिकता मिली है।
अधिकतर हिंदू-बंगाली परिवारों ने उन्हें बताया कि उनके पास भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज हैं, लेकिन वे सीएए के जरिए आवेदन करने के बजाय एफटी को प्राथमिकता देते है।
अमेरिका में रह रहे अप्रवासियों को बड़ी राहत मिल सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अप्रवासियों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं।
अमेरिका की ओर से बड़ी संख्या में भारतीय लोगों को नागरिकता प्रदान की गई है। आंकड़ों के मुताबिक भारत से ऊपर मेक्सिको है। अमेरिकी नागरिकता हासिल करने वाले भारतीयों की संख्या हजारों में है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि बांग्ला-भाषी मुसलमानों को राज्य के मूल निवासी के रूप में तब माना जाएगा जब वे बाल-विवाह और बहुविवाह जैसी प्रथाओं को छोड़ सकेंगे। असम राज्य में बांग्ला-भाषी मुसलमान को मियां कहा जाता है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र लोगों के लिए मंगलवार को एक पोर्टल ‘लॉन्च’ किया है।
2021 में अमीना ने 17 और 14 साल की उम्र के अपने 2 बच्चों के साथ बेंगलुरु में अपनी मां के घर लौटने का फैसला किया।
वर्ष 2011 से भारत की नागरिकता छोड़कर विदेश बसने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 11 वर्षों में करीब 16 लाख लोग भारत की नागरिकता को त्याग कर दूसरे देशों में बस चुके हैं।
सऊदी अरब ने नागरिकत नियम में फेरबदल किया है। इसका असर भारतीयों पर भी पड़ेगा। हालांकि यह असर नकारात्मक नहीं होगा। वहीं हज के लिए भी सऊदी अरब ने हज के लिए भी भारत से हज यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी की है। पढ़िए पूरी खबर।
भारत की नागरिकता छोड़ने वालों के कुछ प्रमुख कारण हैं। जिससे लोग यहां से निकल रहे हैं। इस साल के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं।
Gujarat: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले और इस समय गुजरात के आणंद और मेहसाणा जिलों में रह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोगों को नागरिकता कानून 1955 के तहत भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
Russia Vs America: यूक्रेन वॉर को लेकर रूस और अमेरिका के बीच कितना तनातनी चल रही है, यह बात पूरी दुनिया जानती है। दोनों ही देशों के बीच लंबे समय से तीखी जुबानी जंग भी चल रही है।
Indian Citizen Migration: संसद का मानसून सत्र चल रहा है, इस सत्र के दौरान गृह मंत्रालय ने भारत की नागरिकता छोड़ने वाले लोगों का एक आंकड़ा जारी किया है। इस आंकड़े को देखकर आप हैरान हो जाएंगे। संसद में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि हर वर्ष औसतन डेढ़ लाख लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं।
संयुक्त अरब अमीरात में प्रवासियों में सबसे बड़ी संख्या भारतीय नागरिकों की है जो यहां की कुल जनसंख्या का 28 प्रतिशत हैं।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार की नागरिकता समाप्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शनिवार को खारिज कर दिया।
शनिवार का दिन जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से रह रहे शरणार्थियों के लिए आशा की चमक लेकर आया। दरअसल शरणार्थी के तौर पर रह रहे इन लोगों को शनिवार को सरकार की तरफ से domicile certificates बांटे गए।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि पैन कार्ड, भूमि और बैंक दस्तावेज भारतीय नागरिकता के सबूत नहीं हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ बयानबाजी में यहां तक कह गए कि इससे भारत में पचास करोड़ लोगों की नागरिकता खत्म हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शरणार्थियों की पहचान करने और उन्हें भारतीय नागरिकता देने में मदद करने के लिए गांव-गांव में पर्चें बांट रही है और राज्य की जनता को नागरिकता कानून के बारे में जागरूक भी कर रही है।
असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में कमी देखी गई जिसके बाद कई इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई, लेकिन इस आंदोलन की आग पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है
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