लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है लेकिन रोहिंग्या को हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल को लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही है यह बिल न असंवैधानिक है और न ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ है।
नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ और छह समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान किए जाने की मांग पर दबाव बनाने के लिए ऑल मोरान स्टूडेंट्स यूनियन (एएमएसयू) द्वारा 48 घंटे के असम बंद के पहले दिन कई जिलों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ ।
कांग्रेस ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को असंवैधानिक एवं संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया और कहा कि इसमें न केवल धर्म के आधार पर भेदभाव किया गया है बल्कि यह सामाजिक परंपरा और अंतरराष्ट्रीय संधि के भी खिलाफ है।
लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल के जरिये हम किसी का अधिकार नहीं छीन रहे हैं बल्कि हम लोगों को अधिकार दे रहे हैं।
लोकसभा में आज नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल में किसी के साथ अन्याय होने की बात पूरी तरह गलत है। इसके पीछे किसी तरह का कोई एजेंडा नहीं है।
यह विधेयक 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का चुनावी वादा था। भाजपा नीत राजग सरकार ने अपने पूर्ववर्ती कार्यकाल में इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक (कैब) को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह विधेयक एक ऐसी ‘कैब’ है जिसका चालक विभाजनकारी है।
भाजपा महासचिव राम माधव ने नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) का बचाव करते हुए कहा कि पड़ोसी देशों में सताए गए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना भारत का कर्तव्य है क्योंकि वे धर्म के आधार पर देश का बंटवारा करने के फैसले के ‘पीड़ित’ हैं।
संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पारित होना निश्चित तौर पर महात्मा गांधी के विचारों पर मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की जीत होगी। यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कही।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने से संबंधित विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध करेगी।
जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद अब मोदी सरकार अपना दूसरा सबसे बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार नागरिकता संशोधन बिल लेकर आ रही है। इस ऐतिहासिक कदम की शुरुआत आज हो गई है। आज सुबह कैबिनेट की बैठक में नागरिकता संशोधन बिल को मंज़ूरी मिल गई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक (CAB), 2019 लाये जाने की योजना के लिए सोमवार को केन्द्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
पूर्वोत्तर में नागरिकता विधेयक के बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध के बीच नेशनल पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष एवं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने धमकी दी है कि अगर यह विधेयक राज्यसभा में पारित होता है तो उनकी पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ राजग से अलग हो जाएगी।
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता (संशोधन) विधेयक,2016 को लेकर राज्य में ‘अनावश्यक सामाजिक अशांति’ पैदा की जा रही है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली (केंद्र) तथा राज्य की भाजपा सरकारें असम के लोगों से उनकी पहचान, संस्कृति और भाषा को छीनने की कोशिश कर रही है। इसके खिलाफ सांकेतिक तौर पर निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया गया है।
असम में मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के एक कार्यक्रम में एक बच्चे को काफी वक्त ठंड में ठिठुरते हुए गुजारना पड़ा।
नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को नागरिकता विधेयक को लेकर एक चिट्ठी लिखी है।
कांग्रेस पर इस विधेयक को लेकर असम के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की अद्यतन प्रक्रिया के दौरान बाहर छूट गये 40 लाख लोगों में करीब 20 लाख हिंदू हैं।
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