संशोधित नागरिकता कानून पर मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के उस बयान को विदेश मंत्रालय ने ‘‘तथ्यात्मक रूप से गलत’’ करार दिया, जिसमें उन्होने कहा था कि कुछ मुसलमानों को नागरिकता से वंचित रखने के लिए भारत यह कदम उठा रहा है।
प्रदर्शन के दौरान गांधी के साथ उनकी बेटी मिराया भी थी। इस सप्ताह यह दूसरी बार है कि काग्रेस नेता ने इंडिया गेट पर इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया है।
पुलिस के मुताबिक फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर, बहराइच, भदोही, गाजियाबाद और गोरखपुर समेत 12 जिलों में उग्र प्रदर्शनकारियों ने जुमे की नमाज के बाद सड़क पर आकर पथराव और आगजनी की
संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए जाने संबंधी अपने बयान पर चौतरफा निन्दा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को यू टर्न ले लिया और कहा कि उनका मतलब निष्पक्ष विशेषज्ञों की निगरानी में एक अभिमत:ओपिनियन पोल: कराने से था।
संशोधित नागरिकता कानून को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा और अलग-अलग जगहों पर हजारों की संख्या में लोग इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे जिस दौरान एक कार को भी आग लगा दी गई।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकारों को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को खारिज करने की कोई शक्ति प्राप्त नहीं है क्योंकि इसे संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची के तहत लाया गया है।
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी भारतीय को उसके माता-पिता या दादा-दादी के 1971 से पहले के जन्म प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज दिखाकर नागरिकता साबित करने के लिए नहीं कहा जाएगा और न ही उसे नाहक परेशान किया किया जाएगा या मुश्किलों में डाला जाएगा।
CAA एवं NRC पर देश में हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर कांग्रेस नीत मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के 52 जिलों में से 44 जिलों में निषेधाज्ञा लागू की है। इन जिलों में 18 फरवरी तक निषेधाज्ञा लगी हुई है और धरना, रैली एवं सभाएं मना है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने जनता की आवाज का पूरी तरह अपमान किया है और असहमति को दबाने के लिए क्रूरता से बल का इस्तेमाल किया है।
नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश के कई शहरों में आज भी हिंसक प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों में 6 लोगों की मौत हो गई। वहीं मेरठ में हिंसा कर रहे प्रदर्शनकारियों को काबू करने के दौरान दो पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों ने गोली मार दी।
नारखी थाने के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार सिंह जब आगे बढ़े तो भीड़ में से किसी ने उनकी सर्विस रिवॉल्वर छीन ली। उसके बाद पुलिस ने लोगों को बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने की कोशिश तो मामला और बढ़ गया।
वडोदरा पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत ने कहा कि भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसूगैस के दस गोले छोड़े गए। उन्होंने कहा कि भीड़ द्वारा किए गए पथराव में सहायक पुलिस आयुक्त वी आर राठौड़ घायल हो गए।
भारत में जिनका जन्म 1987 के पहले हुआ या जिनके मात-पिता की पैदाइश 1987 के पहले की है, वो कानून के मुताबिक भारतीय नागरिक हैं और नागरिकता कानून 2019 के कारण या देशव्यापी एनआरसी होने की स्थिति में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है ।
सोनिया गांधी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भेदभावपूर्ण है। नोटबंदी की तरह एक बार फिर एक-एक व्यक्ति को अपनी एवं अपने पूर्वजों की नागरिकता साबित करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा
राजधानी नई दिल्ली के दरियागंज में चल रहा प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुका है। यहां प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ पुलिसकर्मियों पर पत्थर बरसाए बल्कि एक वाहन में आग भी लगा दी।
नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ जगह-जगह हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर सरकार ने प्रदर्शनकारियों से सुझाव मांगा है।
जुमे की नमाज के बाद शुक्रवार को कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए। पुलिस ने बताया कि नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के लिए लोग मस्जिदों में नमाज के बाद सड़कों पर आ गये।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध को देखते हुए 285 स्टेशनों में से कई स्टेशनों को बंद कर दिया है। इन सभी स्टेशनों को सुरक्षा एजेंसियों के निर्देशानुसार बंद कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के कई शहरों से जुम्मे की नमाज के बाद हिंसक प्रदर्शन की खबरें हैं। सीएम योगी के गृह जिले गोरखपुर, बहारइच और यूपी वेस्ट के मुजफ्फरनगर से उग्र प्रदर्शन देखने को मिला है।
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल सेक्यूलर ने लोकसभा और राज्यसभा में नागरिकता कानून के पक्ष में वोट किया था।
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