शाहीन बाह में प्रदर्शन स्थल पर मौजूद महिलाओं के कहना है, हमें कोरोनावायरस और सीएए एवं एनआरसी दोनों से ही लड़ना है। इस लड़ाई में हमारे लिए कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक एनआरसी और सीएए है...
केन्द्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में दावा किया कि नागरिकता संशोधन कानून, 2019 संविधान में प्रदत्त किसी भी मौलिक अधिकार का हनन नहीं करता है।
उत्तर प्रदेश में हुई नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए हिंसा के आरोपियों पर योगी सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है। लखनऊ पुलिस ने हिंसा के आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगा दिया है।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीएए से किसी की नागरिकता नहीं ली जा सकती क्योंकि यह नागरिकता देने का कानून है लेकिन इसको लेकर देश के मुस्लिम भाइयों को भड़काया गया।
क्या दिल्ली का शाहीन बाग खाली हो रहा है? क्या शाहीन बाग के टेंट में सिर्फ 10 महिलाएं बची हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि ट्विटर पर कल से ही #ShaheenBaghEmpty ट्रेंड हो रहा है।
दिल्ली में हुए जनसंहार के विरोध में तृणमूल कांग्रेस आज पश्चिम बंगाल के सभी ब्लॉकों में 'भाजपा छी छी' (भाजपा शर्म करो) अभियान चलाएगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को यह बात कही।
'चंद मतलबी लोगों ने अपनी राजनीति की रोटियां सेंकने के लिए दिल्ली को दंगे की आग में झोंक दिया और दंगाइयों ने देश की राजधानी के सामाजिक ताने-बाने को तार-तार कर दिया।'
दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर एक प्रयोग उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में चल भी रहा था जिसे पुलिस ने खत्म करवा दिया। धरना खत्म करवाने का तरीका बेहद अनोखा था।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज जनता मैदान में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में हो रही रैली को संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली हिंसा पर ट्वीट कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। पीएम मोदी ने दो ट्वीट किए। पीएम ने ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने दिल्ली के हालात की पूरी समीक्षा की है। दिल्ली पुलिस और दूसरी एजेंसियां शांति बनाए रखने की कोशिश में जुटी हैं।
उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग की। इस दौरान उन्होंने सवाल किया कि गृहमंत्री बताएं वह रविवार से कहां थे और क्या कर रहे थे, साथ हीं दिल्ली सरकार भी शांति व्यवस्था कायम करने में विफल रहने का आरोप लगााया।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली में हुई हिंसा से उत्तर प्रदेश सरकार भी सतर्क हो गई है। प्रशासन की दिल्ली की सीमा से सटे जिलों पर खास नजर है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 20 पर पहुंच गई है। जीटीबी अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मंगलवार को मरने वाले लोगों की संख्या 13 बताई गई थी।
सीएए के समर्थन में भीड़ को संबोधित करते हुए दिये गये अपने भाषण पर उठे विवाद के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि वह सच बोलने पर अपने खिलाफ चलाये जा रहे नफरत वाले अभियान से डरते नहीं हैं और कानून का समर्थन कर रहे हैं।
सीएए) और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है कि उनकी मौत पत्थर लगने से नही बल्कि गोली लगने से हुई थी।
प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दिल्ली में शांति की अपील करते हुए सरकार से भाजपा नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ कथित तौर पर हिंसा भड़काने के मामले में कार्रवाई की मांग की।
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में पिछले 3 दिनों से हो रही हिंसा में एक हेड कॉन्स्टेबल समेत अबतक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा प्रभावित इलाकों में पुलिस को अब दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं।
यूपी राज्य खुफिया विभाग ने कुछ प्रमुख मोबाइल फोन नंबरों की कॉल डिटेल के आधार पर खुलासा किया है कि दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में पिछले दो दिनों में आगजनी और गोलीबारी की विभिन्न घटनाओं का संबंध भी इसी समय अलीगढ़ में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है।
जाफराबाद के ब्रह्मपुरी में आज भी गोलियों के चलने जैसी आवाजें सुनी गईं। इससे पूरे इलाके में खौफ पसरा हुआ है। बताया जा रहा है कि ब्रह्मपुरी की 13 नंबर गली में गोलियां चलने की आवाजें सुनी गई हैं।
रतन लाल दिल्ली पुलिस के वही बदकिस्मत हवलदार थे, जिनका कभी किसी से लड़ाई-झगड़े की बात तो दूर, 'तू तू मैं मैं' से भी वास्ता नहीं रहा। इसके बाद भी सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाना क्षेत्र में उपद्रवियों की भीड़ ने उन्हें घेर कर मार डाला।
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