एलन मस्क की कंपनी ने बड़ा कारनामा किया है। कंपनी न्यूरालिंक ने इंसानी दिमाग में चिप लगाई है, जिससे लोगों खासकर दिव्यांगों को बड़ा फायदा हो सकता है।
जार्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने सिलिकॉन चिप का विकल्प ढूंढ़ लिया है। एक नए मैटीरियल से बना यह चिप सिलिकॉन की तरह इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में उर्जा प्रदान करेगा।
माइक्रोन टेक्नोलॉजी अहमदाबाद के पास साणंद में 2.75 अरब डॉलर का प्लांट स्थापित कर रही है। गुजरात में बड़े पैमाने की परियोजनाएं स्थापित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। कंपनियों ने सेमीकंडक्टर उद्योग, असेंबली परीक्षण, पैकेजिंग, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
माइक्रोन प्लांट (Micron plant in India) दिसंबर 2024 से पहली चिप का उत्पादन शुरू कर देगा। इस संयंत्र का निर्माण शुरू हो गया है।
एसके हाइनिक्स और ग्लोबल फाउंड्रीज को ईमेल भेजकर इस संबंध में पूछा गया लेकिन खबर लिखने तक उनका कोई उत्तर नहीं मिला।
एएमडी के सीटीओ पेपरमास्टर ने कहा कि कंपनी इस साल के अंत तक बेंगलुरु में अपना नया 5,00,000 वर्ग फुट में फैला डिजाइन केंद्र परिसर खोलेगी।
फॉक्सकॉन ने कहा, ‘‘हम भारत के और विदेश के हितधारकों का स्वागत करेंगे। हम यह भी चाहते हैं कि भारत अगले स्तर तक जाए।’’
फॉक्सकॉन और भारतीय दिग्गज कंपनी वेदांता ने जॉइंटवेंचर कर दुनिया को चौंका दिया। इस जॉइंटवेंचर को गुजरात में 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र लगाना था।
फॉक्सकॉन ने पिछले साल वेदांता के साथ मिलकर गुजरात में सेमीकंडक्टर बनाने और डिस्प्ले उत्पादन संयंत्र लगाने का करार किया था। इसमें करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाना था।
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि भारत में बनी पहली सेमीकंडक्टर चिप अगले साल दिसंबर तक आ जाएगी।
देश में 2.7 अरब डॉलर के निवेश के साथ सेमीकंडक्टर परीक्षण और पैकेजिंग इकाई स्थापित करने की परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी दे दी है।
चीन के साइबर स्पेस रेगुलेटर ने रविवार को ऐलान किया कि अमेरिका की सबसे बड़ी मेमोरी चिप बनाने वाली कंपनी "गंभीर नेटवर्क सुरक्षा खतरे" पैदा कर रही है।
जापानी सेमीकंडक्टर निर्माण कंपनी रेनेसस इलेक्ट्रॉनिक्स के अध्यक्ष और सीईओ हिदेतोशी शिबाता ने इस कार्यक्रम में कहा कि भारत कंपनी के वैश्विक कारोबार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग के अनगिनत अवसर हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में पिछले साल चिप्स और विज्ञान अधिनियम को लागू किया था, जो अमेरिका को देश में अधिक चिप निर्माण को आकर्षित करने के लिए सक्षम बनाता है।
आज भारत में उपयोग होने वाले 99 प्रतिशत मोबाइल फोन यहीं बनते हैं। यह 10 साल पहले की स्थिति के विपरीत है जब 99 प्रतिशत फोन आयात होते थे।
Semiconductor Production: अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने कहा कि दोनों देश एक सेमीकंडक्टर प्रोत्साहन कार्यक्रम लागू कर रहे हैं, और हमने चर्चा की कि दोनों पक्ष भारत और अमेरिका के हित में इनके बीच तालमेल कैसे स्थापित कर सकते हैं।
संयुक्त उपक्रम ने पहले इस संयंत्र के स्थान के बारे में नहीं बताया था। एमओयू पिछले साल सितंबर में गांधीनगर मे रेलवे, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में हुआ था।
दुनिया में सबसे अधिक चालबाज, धोखेबाज और पैंतरेबाज व शातिर चीन इन दिनों एक ऐसी विशेष चिप हासिल करने में जुटा है, जिसके बारे में जानकर दुनिया हैरान रह गई है। यदि चीन ने यह चिप हासिल कर लिया तो वह दुनिया के लिए खतरा बन सकता है। चीन के इस सीक्रेट प्लान के बारे में जानकारी होते ही अमेरिका समेत अन्य देश भी अलर्ट हो गए हैं।
Chip Manufacturing: भारत ने देश में उत्पादन में निवेश करने के लिए चिप कंपनियों को आकर्षित करने के लिए तरजीह नीतियों की एक श्रृंखला शुरू की है। चीन इससे भी नाराज है।
Semiconductor Manufacturing: भारत और अमेरिका के घरेलू सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग (Semiconductor Manufacturing) में गिरावट के बीच चीन ने अगस्त में चिप मैन्युफैक्चरिंग में सबसे बड़ी मासिक गिरावट देखी गई है
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