चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सोमवार रात लगभग 120 भारतीय सैनिकों (करीबन एक पूरी कंपनी) को घेर लिया और उन पर कपटपूर्ण तरीके से बर्बरतापूर्ण हमले किए।
कई देशों ने चीन के साथ व्यापार पर लगाम लगाना शुरू कर दिया है और चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया जा रहा है। चीनी नेतृत्व इस बात से चिंतित है और दुनिया का ध्यान भटकाना चाहता है।
लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना के एक कमांडर की भी मौत की खबर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, झड़प में मारे गए कमांडर के शव को बीजिंग में स्थित मिलिटरी हॉस्पिटल ले जाया गया है।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के कुल 20 सैनिक शहीद हो गए। इस झड़प में चीन को भी काफी नुकसान हुआ है और उसके 43 सैनिक हताहत बताए जा रहे हैं।
खबर यह भी है कि दोनों तरफ से मौत के आंकड़े बढ़ सकते हैं और इस संघर्ष में कुछ भारतीय सैनिकों के लापता होने की खबर भी है।
ग्लोबल टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ (इंग्लिश) हू जिजिन ने ट्वीट कर कहा कि भारत अहंकार न पाले और चीन के संयम को उसकी कमजोरी न समझे।
भारत और चीन के प्रमुख जनरलों ने कल रात हिंसक आमने-सामने होने के बाद गालवान घाटी, लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में स्थिति पर बात की है, जिसमें दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए हैं: सेना सूत्र
गलवान घाटी में डी-एस्केलेशन प्रक्रिया के दौरान, कल रात एक हिंसक झड़प हो गई। भारतीय पक्ष पर जानमाल के नुकसान में एक अधिकारी और 2 सैनिक शामिल हैं।
सोमवार रात हुई दोनों सेनाओं की झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल और 2 सैनिक शहीद हो गए।
थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख के विवाद पर भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता बहुत लाभदायक रही है और दोनों सेनाएं चरणद्ध तरीके से हट रही हैं जिसकी शुरुआत गलवान घाटी से हो रही है।
चीनी सेना लद्दाख में आए दिन घुसपैठ करती रहती है। इस समय तो हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। अब समय आ गया है कि पूरा देश एक हो जाए और उन्हें जवाब दे। जानिए कैसे
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गलवान घाटी समते तीन जगहों पर चीन के सैनिक अपने infantry combat vehicles के साथ 2.5 किलोमीटर पीछे हट गए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा उन पर निशाना साधे जाने को लेकर मंगलवार को पलटवार करते हुए सवाल किया कि क्या चीन के सैनिकों ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।
कैट ने चीन से आयात किए जाने वाले लगभग 3000 ऐसे उत्पादों की सूची बनायी है, जिनके आयात नहीं करने से देश को कोई अंतर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह वस्तुएं देश में पहले से बन रही हैं।
सैन्य संवाद जनयिक स्तर पर वार्ता का अनुसरण करता है, जिसके दौरान दोनों देश एक-दूसरे की संवेदनशीलता और चिंताओं का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण चर्चा के माध्यम से अपने "मतभेद" को संभालने के लिए सहमत हुए।
उन्होंने लोगों से चीनी वस्तुओं का उपयोग बंद करने की अपील करते हुए कहा, ‘‘हमें चीनी वस्तुओं के बारे में किसी भी तरह के लालच को त्यागना होगा क्योंकि इस पूर्वी एशियाई देश (चीन) ने कोविड-19 महामारी के बीच खुद को समूची दुनिया के खिलाफ कर दिया है।’’
आपको बता दें कि चीन की भारत के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है जो 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश से जुड़ती है। चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी और पैंगोंग झील के इलाके में घुसपैठ की है जिसके चलते ताजा विवाद पैदा हुआ है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएएसी) के भीतर घुसपैठ के चलते पूर्वी लद्दाख में फिलहाल तनाव की स्थिति जारी है।
अधिकांश देशों को अब चीन के प्रॉडक्ट्स पर भरोसा नहीं रहा और खराब क्वॉलिटी के चीनी सामान को लेकर दुनिया के तमाम देशों में नाराजगी है।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि चीन भी फिंगर इलाके में एक सड़क बना रहा है जो भारत को स्वीकार्य नहीं है। सूत्रों ने बताया कि चीन के आक्रामक रवैये का सामना करने के लिए भारतीय सेना ने भी पूर्वी लद्दाख में अपने सैनिकों, वाहनों और तोपों की संख्या बढ़ाई दी है।
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