चीन के साथ लगती 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात सशस्त्र बलों को चीन के किसी भी आक्रमक बर्ताव का ‘मुंह तोड़’ जवाब देने की ‘पूरी आजादी’ दी गई है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत जाया नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाने पर मुहंतोड़ जवाब देने में भी सक्षम है।
देश के पूर्व वित्तमंत्री लद्दाख में भारत चीन संघर्ष के बाद चाइनीज सामान के बायकॉट अभियान को गैरजरूरी करार देते हुए कहा कि इससे चीन को कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
चीन की सेना के कड़े विरोध के बावजूद भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान नदी पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक पुल का निर्माण पूरा कर लिया है।
चीन और भारत के बीच सोमवार को हुई हिंसक भिड़ंत के बीच चीन का एक और झूठ सामने आ गया है।
सीमा क्षेत्र में तनाव के बीच भारतीय हमलावर हेलीकॉप्टरों ने लद्दाख-लेह क्षेत्र में पेट्रोलिंग की।
सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन अपने प्रवाह को बाधित करने के लिए सीमा पर गैलवान नदी पर एक बांध बना रहा है। हालाँकि इसने इससे संबंधित प्रश्नों का जवाब नहीं दिया।
सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन अपने प्रवाह को बाधित करने के लिए सीमा पर गैलवान नदी पर एक बांध बना रहा है। हालाँकि इसने इससे संबंधित प्रश्नों का जवाब नहीं दिया।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कहा है कि इस सप्ताह गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प के मद्देनजर वह चीनी उत्पादों और प्रायोजकों का बहिष्कार करने को तैयार है।
सैन्य आधुनिकीकरण पर उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन का भारत के साथ तनाव चल रहा है और दक्षिण तथा पूर्वी चीन सागरों में चीन के शक्ति प्रदर्शन समेत अनेक विषयों पर अमेरिका के साथ उसके मतभेद हैं।
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि, मौजूदा हालात देखते हुए इससे मना नहीं किया जा सकता कि सीमा विवाद का साया भारत और चीन के बीच आर्थिक और व्यापारिक रिश्तों पर पड़ेगा, क्योंकि भारत में कुछ समय के लिए चीन के खिलाफ माहौल बना रह सकता है।
चीन की कंपनी को यह कॉन्ट्रेक्ट वर्ष 2016 में दिया गया था लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी सिर्फ 20 प्रतिशत ही काम हो पाया था। ऐसे में रेलवे ने चीन की कंपनी का कॉन्ट्रेक्ट रद्द कर दिया है
सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार मंत्रालय ने बीएसएनएल को निर्देश दिया है कि सुरक्षा मुद्दों के मद्देनजर 4जी अपग्रेडेशन में चीनी उपकरणों का इस्तेमाल न किया जाए।
भारत और चीन के बीच उप-महाद्वीप में पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव के बीच नेपाल की चीन समर्थक सरकार देश के नए नक्शे को लेकर अपने रुख से पीछे हटने के मूड में नहीं है।
लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद बुधवार को गुजरात में लोग चीन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। इस दौरान उन्होंने चीन-निर्मित इलैक्ट्रॉनिक सामान तोड़कर चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान किया।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना की आक्रामकता की निंदा करते हुए चीनी सामनों के बहिष्कार का आह्वान किया है।
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को बुधवार को हाई अलर्ट कर दिया गया।
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सोमवार रात लगभग 120 भारतीय सैनिकों (करीबन एक पूरी कंपनी) को घेर लिया और उन पर कपटपूर्ण तरीके से बर्बरतापूर्ण हमले किए।
कई देशों ने चीन के साथ व्यापार पर लगाम लगाना शुरू कर दिया है और चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया जा रहा है। चीनी नेतृत्व इस बात से चिंतित है और दुनिया का ध्यान भटकाना चाहता है।
लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना के एक कमांडर की भी मौत की खबर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, झड़प में मारे गए कमांडर के शव को बीजिंग में स्थित मिलिटरी हॉस्पिटल ले जाया गया है।
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