China Galwan Valley Clash: चीन ने सीपीसी की बैठक से पहले गलवान घाटी की झड़प का वीडियो चलाया है। इसमें चीनी सैनिक की फबाओ भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में घायल हो गया था।
भारत और चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की बातचीत में वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चीन ने पारस्परिक रूप से पैट्रोलिंग पॉइंट 14, 15 और 17 पर हर चीज को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की है।
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लेह पहुंचकर सैनिकों से मुलाकात की। आर्मी चीफ ने उन घायल सैनिकों से भी मुलाकात की जो LAC पर चीन के साथ हुई झड़प में घायल हो गए थे।
सोमवार को अपनी वेबसाइट पर ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर एक लेख लिखा है और कह रहा है कि चीन ने जानबूझकर अपने सैनिकों के मारे जाने का आंकड़ा नहीं बताया है।
चीन के साथ लगती 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात सशस्त्र बलों को चीन के किसी भी आक्रमक बर्ताव का ‘मुंह तोड़’ जवाब देने की ‘पूरी आजादी’ दी गई है।
चीन की सेना के कड़े विरोध के बावजूद भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान नदी पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक पुल का निर्माण पूरा कर लिया है।
सीमा क्षेत्र में तनाव के बीच भारतीय हमलावर हेलीकॉप्टरों ने लद्दाख-लेह क्षेत्र में पेट्रोलिंग की।
सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन अपने प्रवाह को बाधित करने के लिए सीमा पर गैलवान नदी पर एक बांध बना रहा है। हालाँकि इसने इससे संबंधित प्रश्नों का जवाब नहीं दिया।
सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन अपने प्रवाह को बाधित करने के लिए सीमा पर गैलवान नदी पर एक बांध बना रहा है। हालाँकि इसने इससे संबंधित प्रश्नों का जवाब नहीं दिया।
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सोमवार रात लगभग 120 भारतीय सैनिकों (करीबन एक पूरी कंपनी) को घेर लिया और उन पर कपटपूर्ण तरीके से बर्बरतापूर्ण हमले किए।
लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना के एक कमांडर की भी मौत की खबर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, झड़प में मारे गए कमांडर के शव को बीजिंग में स्थित मिलिटरी हॉस्पिटल ले जाया गया है।
ग्लोबल टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ (इंग्लिश) हू जिजिन ने ट्वीट कर कहा कि भारत अहंकार न पाले और चीन के संयम को उसकी कमजोरी न समझे।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव बढ़ने पर चीन ने बुधवार को कहा कि भारत को इस मुद्दे को और अधिक ‘‘उलझाने’’ वाली किसी गतिविधि से दूर रहना चाहिए।
देश की पूर्वी सीमा पर चीनी सैन्य जमावड़े पर बढ़ती चिंता के बीच सरकार ने सामरिक रूप से अहम भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) कमान को चंडीगढ़ से जम्मू-कश्मीर में लेह भेजने का आदेश दिया है।
बता दें कि राज बहादुर नाम से जाने जाने वाले वांग छि को 1962 भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय रेड क्रॉस ने पकड़ा था और भारतीय सेना के हवाले कर दिया था। वो कई साल से भारत की जेल में रहे और फिर मध्य प्रदेश के बालाघाट में उनका पुनर्वास किया गया।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 667 चीनी सैनिक संयुक्त बलों में शामिल थे। इनके शव झारखंड के रामगढ़ शहर में दफन हैं...
Pak making air base near Jaisalmer border with the help of Chinese soldiers !
डोकलाम के करीब इस जगह पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने आज चीनी फौजियों की क्लास भी ली। रक्षा मंत्री ने आमने-सामने खड़े होकर चीनी सैनिकों की क्लास ली।
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