कजान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठक ने दोनों देशों के बीच संबंधों पर जमी बर्फ को पिघलने का संकेत दिया है। ब्रिक्स से इतर यह बैठक करीब 50 मिनट तक चली। इस दौरान भारत-चीन ने खास तौर पर एलएसी विवाद समेत अन्य मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।
दक्षिणी चीन सागर में विवादित क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश करते हुए चीनी जहाज को उल्टे भागना पड़ गया है। इंडोनेशिया ने दावा किया है कि उसके तटरक्षक बलों ने चीनी सैन्य बलों वाले जहाज को भिड़ंत के बाद पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
कई महीनों की बातचीत के बाद चीन ने सीमा पर पेट्रोलिंग और पीछे हटने पर समझौता किया। पिछले दो दिन में ये बात भारत और चीन, दोनों की तरफ से सारी दुनिया को बता दी गई कि दोनों देश अपने रिश्ते सामान्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की दोस्ती भी काम आई।
सरकार ने आइसोप्रोपिल अल्कोहल पर विभिन्न चीनी फर्मों पर 82 अमेरिकी डॉलर प्रति टन और 217 अमेरिकी डॉलर प्रति टन शुल्क लगाया है, जिसका चिकित्सा और औद्योगिक उपयोग है।
ग्लोबल साउथ पर पीएम मोदी की कूटनीति से पूरी दुनिया हैरान रह गई है। नवंबर 2023 में भारत में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ को जी-20 शामिल कराकर चीन को बड़ा झटका दिया था। अब ग्लोबल साउथ सबसे ज्यादा भरोसा भारत पर कर रहा है।
भारत और चीन के बीच रिश्ते खराब होने से दोनों देशों के आपसी कारोबार पर जो असर पड़ा था वो भी अब धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। भारत के बहुत सारे उद्योग ऐसे हैं जो कच्चे माल के लिए चीन पर आश्रित हैं, अब उनकी मुश्किलें कम हो जाएंगी।
कजान में 16वें ब्रिक्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात होगी। भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच मोदी और जिनपिंग की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।
ताइवान और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। चीन ने एक बार फिर ताइवान के नजदीक पिंगटन द्वीप के पास तट पर सैन्य अभ्यास किया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसकी चीन पर नजर है।
चीन ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध समाप्त करने के लिए भारत के साथ समझौता होने की पुष्टि की है। चीन की इस पुष्टि के बाद अब पूर्वी लद्दाख में अब दोनों सेनाएं पुरानी जगह पर लौटेंगी।
ताइवान और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। चीन के सैन्य अभ्यास के बाद अब ताइवान स्ट्रेट में अमेरिका और कनाडा के युद्धपोत नजर आए हैं। चीन ने इसे लेकर बड़ा कदम उठाया है।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इन दिनों फिर से चीन प्रेम में डूबते जा रहे हैं। ऐसे में भारत के साथ संबंधों में दोबारा तनाव आने की आशंका भी बढ़ रही है। इस बार केपी शर्मा ओली ने चीन के लिए इतना बड़ा ऐलान किया है, जो शायद और किसी नेपाली पीएम ने नहीं किया था।
एक महिला ने अपने पति के साथ झगड़े के दौरान अपने दो छोटे बच्चों को 23वीं मंजिल स्थित अपार्टमेंट के बाहर एयर कंडीशनिंग यूनिट पर बैठा दिया।
किस देश के खिलाफ जंग की तैयारी में जुटा है चीन, जो अपनी क्षमताओं पर बढ़ाने पर फोकस कर रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अचानक अपनी पीएलए की मिसाइल और रॉकेट ब्रिग्रेड का निरीक्षण करके क्षमताओं को बढ़ाने का आदेश दिया है।
उत्तर कोरिया द्वारा रूस की मदद के लिए अपने सैनिक भेजने के बाद अब चीन की ओर से भी ऐसे कदम उठाए जाने की आशंका बढ़ गई है। लिहाजा चीन के 2 दिवसीय दौरे पर बीजिंग पहुंचे ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने चीन से रूस की मदद न करने का आग्रह किया है।
ब्रिक्स शिखर वार्ता 2024 से पहले इसकी मेजबानी कर रहे रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता की है। इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ब्रिक्स का उद्देश्य किसी के खिलाफ होना नहीं है। यह पश्चिम विरोधी नहीं है। इसके लिए उन्होंने भारत का उदाहरण भी दिया।
मैक्वेरी ने इसमें कहा है कि चीन द्वारा की गई प्रोत्साहन पहल निवेशकों को आकर्षित कर सकती है। इसके साथ ही, ऐसी भी संभावनाएं हैं कि इस तरह की और घोषणाएं चीनी शेयरों को बढ़ावा दे सकती हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए भारत का दबदबा बना रहेगा।
नकली चीजों की बात करें तो लोगों के दिमाग में सबसे पहला नाम चीन का ही आता है। चाइनीज माल तो अब नकली चीजों का पर्यायवाची शब्द बन गया है। एक बार फिर से चीन की एक ऐसी ही करतूत दुनिया के सामने आई है। जिसके बाद इस देश की पूरी दुनिया में किरकिरी हो रही है।
अमेरिका ने चीन के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। जंग के बीच अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाया है कि चीनी कंपनियों ने हमलावर ड्रोन बनाने में रूस की सहायता की है।
अमेरिका में 5 नवंबर को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में चीन कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप में से किसे अगले राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहता है। इस बात का खुलासा चीन के ही एक विशेषज्ञ ने कर दिया है।
कश्मीर से 370 हटाना और फिर लद्दाख को अलग प्रदेश बनाने का फैसला कितना सही था, इस बात का अंदाजा आपको एससीओ शिखर वार्ता में चीन और पाकिस्तान को रोने से हो जाएगा। जाहिर है कि चीन- पाकिस्तान ने माना है कि भारत के इस फैसले से उनकी संप्रभुता कमजोर हुई है।
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