भारत ने मालदीव से तनाव बढ़ने के बाद माले और बीजिंग दोनों को औकात दिखाने के लिए मालदीव के पास अपना नया नौसैनिक अड्डा खोलकर दोनों देशों में खलबली मचा दी है। पूर्व में भारत के साथ मालदीव का परंपरागत रूप से घनिष्ठ संबंध रहा है। मगर अक्टूबर में नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के चुने जाने के बाद से संबंध बिगड़ गए हैं।
चिप डिजाइन में भारत के पास पहले से ही गहरी क्षमताएं हैं। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इन इकाइयों के साथ देश चिप निर्माण में भी क्षमता विकसित करेगा, जिससे आने वाले वर्षों में चीन की बाजार हिस्सेदारी और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगी।
भारतीयों पर टिप्पणी को लेकर विवाद बढ़ने के बाद ताइवान के श्रम मंत्रालय ने भी ह्सु के कमेंट्स को लेकर माफी मांगी और कहा कि मंत्री की टिप्पणी का अभिप्राय भेदभाव से नहीं था। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने भी मंगलवार को एक बयान में भारतीय श्रमिकों की भर्ती के संबंध में ताइवान की सरकारी एजेंसियों की टिप्पणी के लिए माफी मांगी।
लंबे समय तक सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश के रूप में जाना जाने वाला चीन अब नंबर दो पर आ गया है। क्योंकि पहले नंबर पर भारत है। चीन की एक समस्या यह भी है कि वहां बच्चों की जन्मदर कम हो गई ह। लिहाजा सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश होने का ताज फिर लेने के लिए चीनी सरकार बच्चे पैदा पर प्रोत्साहित कर रही है।
मालदीव और चीन के बीच रिश्ते और प्रगाढ़ होते जा रहे हैं। 'इंडिया आउट' का नारा देकर चुनाव जीते मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने शुरू से ही भारत विरोधी रुख अपनाया हुआ है। इसी बीच मालदीव से रिलेशन पर चीन ने अपनी सफाई दी है। जानें चीन ने क्या कहा?
दुनिया के कई देशों से दुश्मनी मोल लेने वाला चीन लगातार अपना रक्षा बजट बढ़ा रहा है और इस साल चीन ने अपने रक्षा बजट में बीते पांच साल में सबसे ज्यादा 7.2 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
चीनी कोस्टगार्ड्स ने फिलिपींस के जहाजों को रोका है। इस दौरान मामूली भिड़ंत की भी खबर है। इस कारण फिलीपींस के जहाज को मामूली नुकसान पहुंचा है।
चीन की मैग्लेव ट्रेन ने कमाल कर दिया है। इस ट्रेन ने रफ्तार का एक नया रिकॉर्ड बना डाला है। इसकी गति इतनी ज्यादा है कि आप जानकार ताज्जुब करने लगेंगे। जानिए इस ट्रेन ने कितनी स्पीड हासिल कर ली है।
भारत और चीन गत 4 वर्षों से तनाव के चरम पर हैं। दोनों देशों के रिश्ते 2020 में गलवान घाटी हिंसा के बाद से ही नाजुक चल रहे हैं, जिसमें सुधार की फिलहाल कोई गुंजाइश नहीं दिख रही। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि जब तक चीन सीमा समझौतों का पालन नहीं करता, तब तक एलएसी पर शांति संभव नहीं है।
ताई ने अबू धाबी में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक में अपने संबोधन में कहा कि चीन का आर्थिक विकास दुनिया भर में कई प्रतिस्पर्धी दबाव पैदा कर रहा है और संस्था में अब सुधार की जरूरत है।
चीन ने ताइवान के नए राष्ट्रपति के मई में कार्यभार संभालने से पहले ताइपे पर भारी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ताइवान जलडमरूमध्य के पास चीन ने अपने फाइटर प्लेन और युद्धक पोत की तैनाती कर दी है। साथ ही तटरक्षकों की गश्त को भी बढ़ा दिया है। इससे ताइवान परेशान है।
श्रीलंका ने जासूसी जहाज को रुकने इजाजत नहीं दी तो इस पर चीन भड़क गया। चीनी रिसर्च जहाज जियांग यांग होंग 3 दक्षिण हिंद महासागर में एक्सप्लोरेशन के लिए आ रहा था। ऐसे समय में श्रीलंका ने यह फैसला लिया।
" चीन की इस गतिविधि से पहले 14 फरवरी को यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख के लिए अमेरिकी नामित एडमिरल सैमुअल पापारो ने चेतावनी दी थी कि चीन जल्द ही ताइवान पर आक्रमण को छिपाने के लिए सैन्य अभ्यास का उपयोग करने की क्षमता हासिल कर सकता है।
जनवरी में मालदीव गया चीन का अनुसंधान जहाज माले से बीजिंग के लिए रवाना हो गया है। अनुसंधान का दावा करने वाला यह चीनी जहाज जासूसी के लिए बदनाम है। भारत और मालदीव के रिश्ते खराब होने के बाद करीब 15 दिनों के लिए यह जासूसी जहाज माले गया था। अब स्वदेश वापसी कर चुका है।
पिछले कुछ महीनों में भारतीय नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों कोरा, काबरा और करंज ने कोलंबो की यात्रा की। उच्चायोग ने कहा कि भारतीय नौसेना और तटरक्षक जहाजों की श्रीलंका यात्रा का उद्देश्य दो मैत्रीय पड़ोसी देशों की नौसेनाओं के बीच सौहार्द और पारस्परिकता को बढ़ाना है। वहीं चीन भारत-श्रीलंका की इस जुगलबंदी से चिंतित है।
भारतीय सेना रॉकेट फोर्स तैयार कर रही है। बड़ी बात यह रहेगी कि चीन के 5 शहर इसकी जद में आ जाएंगे। चीनी सेना के PLARF की तरह भारत अपनी रॉकेट फोर्स बना रहा है।
भारत तेजी से दुनिया के लिए चीन का विकल्प बनता जा रहा है। उम्मीद है कि साल 2047 तक भारत विकसित देशों में शामिल हो सकता है। साथ ही 2030 तक भारत का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
डब्ल्यूटीओ के 164 सदस्य देशों के व्यापार मंत्री लाल सागर संकट, यूक्रेन-रूस युद्ध और इजराइल-हमास संघर्ष के कारण अनिश्चित वैश्विक आर्थिक हालात की पृष्ठभूमि में बैठक कर रहे हैं। भारत बैठक में अपने हितों के मुद्दों को पूरी ताकत के साथ उठाएगा।
मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों को कथित तौर पर सिचुआन के कार्दजे तिब्बती स्वायत्त प्रान्त में गिरफ्तार किया गया जो तिब्बतियों की एक बड़ी आबादी वाला क्षेत्र है।
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