स्कूल खुलने से पहले बच्चों की इम्युनिटी को मजबूत करें। हेल्थ चेकअप के साथ-साथ उन्हें अपना ख्याल कैसे रखना है, ये सिखाएं। स्वामी रामदेव ने बताया है कि बच्चों को योग से कैसे स्ट्रॉन्ग बनाएं।
बढ़ते बच्चे को रोज रात के वक्त दूध के साथ इस लड्डू को दीजिए। इसके पोषक तत्व बच्चों का दिमाग तेज करते हैं।
“उम्मीद है कि जल्दी ही नतीजे उपलब्ध होंगे और उन्हें नियामक संस्थाओं को सौंपा जाएगा। सितंबर या उसके ठीक बाद हमारे पास बच्चों के लिए कोवैक्सिन टीका उपलब्ध हो सकता है।”
अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, राज्य में पृथकवास केंद्रों से संक्रमण के 616 नए मामले सामने आए और बाकी 442 मामलो की जानकारी संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की जांच के बाद हुई।
याचिका में कहा गया कि छोटे बच्चों को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया जाता है और घायल किया जाता है ताकि ‘लोगों की अधिकतम सहानुभूति प्राप्त की जा सके।
अमरोहा में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने हर किसी को चौंका दिया है। यहां एक मजदूर पिता ने अपने ही एक साल के बेटे को मुंह दबाकर मार डाला।
सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि भाकपा (माओवादी) झारखंड और छत्तीसगढ़ में बच्चों को शामिल कर रही है और खाना पकाने, दैनिक उपयोग की सामग्री ले जाने के अलावा उन्हें सैन्य प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल कर रही है।
ऑनलाइन कक्षाओं से ऊब चुके 11 और 9 वर्ष की आयु के दो बच्चे घर से भाग गए क्योंकि वे माता-पिता द्वारा डांटे जाने से परेशान थे।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि प्रदेश के कुल 42 बच्चों को सिक्किम में मुक्त कराकर शुक्रवार को वापस राज्य में लाया गया।
उत्तर प्रदेश में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत कोरोना से अनाथ हुए हर बच्चे को 4 हजार रुपये उपलब्ध कराएगी।
कोविड-19 से पीड़ित होकर ठीक होने के बाद वयस्क ही नहीं बच्चे भी संक्रमण के बाद उपजी शारीरिक समस्याओं जैसे गैस बनना, सिर दर्द, दिमागी कमजोरी, सांस में तकलीफ आदि को लेकर शहर के अस्पताल पहुंच रहे हैं।
ब्रिटेन में सार्वजनिक स्वास्थ्य आंकड़ों के व्यापक विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि बच्चों और किशोरों में कोविड-19 से गंभीर बीमार होने और मृत्यु होने का खतरा बहुत कम होता है।
अमेरिका ने बाल सैनिक सुरक्षा रोकथाम कानून की एक सूची में 14 अन्य देशों के साथ पाकिस्तान को शामिल किया है।
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान स्क्रीन पर अधिक समय गुजारने, कोई सामाजिक मेल-जोल नहीं होने और माता-पिता के घर से काम करने के बावजूद बच्चों को पर्याप्त समय नहीं देने के कारण सभी उम्र वर्ग के बच्चों पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ा है।
एक कड़वा सच ये है कि जब महामारी पीक पर थी उस दौरान लोगों ने इतना बुरा वक्त देखा कि उनके मन में आज भी कोरोना को लेकर खौफ़ है।
देश की राजधानी में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के नेतृत्व में देश के 5 अस्पतालों द्वारा किए जा रहे सीरो सर्वे के अंतरिम रिपोर्ट आ गई है।
बच्चों में लूज मोशन, मुंह में छाले जैसी बीमारियों का होना आम बात है। इसके पीछे बहुत से अलग- अलग कारण हो सकते हैं।
कोरोना के दौर में बच्चों का खेलना-कूदना कम हो गया है। इसका असर उनके शारीरिक और मानिसक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। ऐसे में योग और आयुर्वेद के जरिए बच्चों को स्वस्थ रखा जा सकता है।
बच्चे, किशोर और युवा वयस्क दुनिया भर में अनुशंसित सार्वजनिक स्वास्थ्य सीमा से अधिक मात्रा में प्रतिदिन कई घंटे संगीत सुन रहे हैं।
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर अभिनेता ने बाल श्रम को पूरी तरह से बच्चों के अधिकारों का हनन बताया।
संपादक की पसंद