कांकेर के इस दत्तक ग्रहण केंद्र में 0 से 6 वर्ष तक के यतीम बच्चों को रखा जाता है। यहां बाहरी लोगों का आना जाना मना है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं जो रात में प्रोग्राम मैनेजर बंद कर दिया करती है।
Child Adoption Process: बिहार के रोहतास जिले से समाज को शर्मसार करने वाली खबर मंगलवार को सामने आई। जहां एक महिला नवजात शिशु को हॉस्पिटल में छोड़कर भाग गई। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन के बीच हड़कंप मच गई।
child adoption law: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों को गोद लेने वाली कानूनी प्रक्रिया में तीन से चार साल तक का लंबा समय लग जाने को लेकर सवाल उठाया है। मगर क्या आप जानते हैं कि किसी बच्चे को गोद लेने का नियम क्या है।
Child Adoption In India: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि भारत में गोद लेने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की जरूरत है, क्योंकि केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के तहत एक बच्चे को गोद लेने के लिए तीन से चार साल का समय लगता है।
Parliamentary Panel: सूत्रों के मुताबिक, समिति ने रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि 'नाजायज' शब्द को हटा देना चाहिए, क्योंकि कोई भी बच्चा नाजायज नहीं होता और कानून सभी बच्चों के लिए समान होना चाहिए...
नए उप-नियम 7ए में कहा गया है कि बच्चा गोद लेने वाले अभिभावक अगर गोद लेने के दो साल के भीतर बच्चे के साथ विदेश जाना चाहते हैं तो उन्हें वहां स्थानीय भारतीय राजनयिक मिशन को वहां पहुंचने और वहां से रवानगी के संबंध में लिखित में कम से कम दो सप्ताह पहले सूचना देनी होगी, सूचना में उन्हें अपना पूरा नाम, नयी जगह का पता, फोन नंबर आदि देना होगा।
बाल दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) ने बताया कि देशभर में 1100 से अधिक गोद लिए गए बच्चे पिछले पांच साल में बाल देखभाल संस्थाओं में वापस आए हैं।
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