जस्टिस संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली है। संजीव खन्ना दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो रहे हैं। उनके बाद जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर को चीफ जस्टिस पद की शपथ लेंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। जमानत मिलने के साथ अब केजरीवाल को जमानत देने वाले न्यायाधीश की भी चर्चा होने लगी है। बता दें कि अगले साल यही जज भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे हैं।
ये कहना बेमानी है कि प्रधानमंत्री ने वीडियो क्यों जारी किया? अगर मोदी वीडियो जारी न करते तो यही लोग कहते कि मोदी की CJI से सीक्रेट मीटिंग हुई। यही लोग कहते कि जब मोदी हर जगह का वीडियो पोस्ट करते हैं तो पूजा का क्यों नहीं किया?
सोशल मीडिया पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी की तस्वीर पर अभद्र टिप्पणी के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने केस दर्ज कर लिया है। स्पेशल सेल ने सेक्शन 356, 217, 61(2)(a), BNS और IT एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक वकील को डांटते हुए कहा कि अगर उन्होंने ऊंची आवाज में बात की तो वह उन्हें कोर्ट से बाहर निकलवा देंगे। इसके बाद वकील ने CJI से माफ़ी मांगी।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी दिवंगत पूर्व पत्नी के साथ हुई घटना को साझा किया। उन्होंने बताया कि उनकी पूर्व पत्नी जो एक वकील थीं, उनसे कहा गया था-एक ऐसा पति ढूंढो, जो घर के काम करे।
धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने भारत के 50वें मुख्य न्यायधीश के तौर पर शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलवाई। चंद्रचूड़ इस पद पर 2 साल तक बने रहेंगे और उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा। चंद्रचूड़ ने भारत की न्यायपालिका में अब तक के इतिहास में ऐतिहासिक फैसलों को सुनाया है।
धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने भारत के 50वें मुख्य न्यायधीश के तौर पर शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलवाई। चंद्रचूड़ इस पद पर 2 साल तक बने रहेंगे और उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा। चंद्रचूड़ ने भारत की न्यायपालिका में अब तक के इतिहास में ऐतिहासिक फैसलों को सुनाया है।
CJI DY Chandrachud: जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 तक सीजेआई का पद संभालेंगे। डी.वाई. चंद्रचूड़ के पिता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वाई.वी. चंद्रचूड़ सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सीजेआई रहे थे।
Supreme Court CJI: मौजूदा मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित का कार्यकाल 8 नवंबर 2022 को समाप्त हो रहा है। इससे पहले उन्हें देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के नाम की चिट्ठी सरकार को भेजनी थी। इससे पहले पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पत्र लिखकर उन्हें अगले CJI का नाम सुझाने को कहा था।
Supreme Court: कॉलेजियम में लाए गए प्रस्ताव का पर जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के.एम. जोसेफ ने अपनी सहमती जताई। जबकि जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर ने सकुर्लेशन द्वारा जजों के चयन और नियुक्ति के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर, 2019 को हुई सुनवाई में CAA पर रोक लगाने से मना कर दिया था, हालांकि केंद्र को नोटिस जारी कर जनवरी, 2020 के दूसरे सप्ताह तक अपना पक्ष रखने को कहा था। लेकिन फिर कोरोना की वजह से आगे की सुनवाई टलती गई थी।
CJI UU Lalit: न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि ओडिशा, झारखंड, राजस्थान और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों में न्यायपालिका में महिलाओं की संख्या पहले से ही अच्छी-खासी है।
Supreme Court: जस्टिस यूयू ललित का CJI के तौर पर सोमवार को पहला कार्य दिवस है। उन्होंने शनिवार को देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली थी, लेकिन शनिवार और रविवार को न्यायालय में कामकाज नहीं होता है।
Supreme Court: मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जब वह दिल्ली हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस थे तो वहां भी यही होता था। वकील जोर से चिल्लाकर बहस करते थे। यह उत्तर भारत के वकीलों में ही है।
NV Ramana: सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि शिक्षा का एक ऐसा मॉडल विकसित करना चाहिए जो छात्रों को वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करना सिखाए, न कि आज्ञाकारी कार्यबल की तरह वो सिर्फ काम करें।
सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना(NV Ramana) 26 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। इनके रिटायटरमेंट के बाद यू यू ललित का नाम सूर्खियों में आ रही हैं
Draupadi Murmu: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को सुबह करीब सवा 10 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में होगा। जहां सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन.वी.रमण उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगे।
CJI in Ranchi: प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वकील (बार) से न्यायाधीश (बेंच) तक की यात्रा आसान नहीं होती क्योंकि न्यायाधीश का जीवन बहुत एकाकी और समाज से अलग-थलग होता है।
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