याचिका जल संसाधन विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके उमेश प्रसाद सिंह ने दायर की थी। वह 2016 में रिटायर हुए थे, लेकिन उन्हें न तो रिटायरमेंट के उपरांत मिलने वाली राशि का भुगतान हुआ और न ही उनकी पेंशन शुरू की गई।
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