सुप्रीम कोर्ट ने आज भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया से जुड़े मामले को 5 सदस्यीय संसदीय पीठ को भेज दिया है। एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयुक्तों की नियुक्त प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की मांग की थी।
कुछ हलकों में ऐसी अटकलें हैं कि अप्रैल-मई 2019 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को खिसका कर नवम्बर-दिसम्बर 2018 में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और राजस्थान विधानसभा चुनाव के साथ कराया जा सकता है।
देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी. रावत ने चुनावों के लिए बैलेट पेपर को वापस लाने की सभी संभावनाओं को खारिज कर दिया है।
फिर से मतपत्र से चुनाव कराने के सवाल पर रावत ने कहा ‘‘ वीवीपेट युक्त ईवीएम से ही चुनाव होंगे , मतपत्र की ओर फिर वापस लौटने का सवाल ही नहीं उठता है। ’’
रावत ने ईवीएम से जुड़े संदेहों को खारिज करते हुए कहा कि ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन लगाए जाने का सिलसिला शुरू किए जाने से चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ी है...
चुनाव आयोग ने कहा कि चूक की कुछ घटनाओं की वजह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल बंद नहीं किया जा सकता...
CEC OP Rawat opens up on disqualification of 20 AAP MLAs
संपादक की पसंद