छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए विधानसभा चुनावों को देखते हुए बड़ी सुविधा का इंतजाम किया गया है। ये लोग घर से वोट डाल सकेंगे।
छत्तीसगढ़ में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा के बीच जोर आजमाइश शुरू हो गई है। कांग्रेस को अब एक बड़ा झटका लगा है।
छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हनुमान जी के नाम पर बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना का ऐलान किया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में अखाड़ों के संरक्षण और संवर्धन के लिए बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना की शुरुआत करने की घोषणा की है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा अपनी तैयारियो में जुट चुकी है। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को राज्य में जीत की उम्मीद है। ऐसे में 5 राज्यों के भाजपा विधायक छत्तीसगढ़ पहुंचने वाले हैं।
इस साल के आखिर तक छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री ने भी चुनाव को लेकर मीडिया से बात की।
छत्तीसगढ़ में सभा को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत को आजादी मिले 76 साल हो गए हैं, लेकिन मैंने 'आप' के अलावा एक भी ऐसी पार्टी नहीं देखी, जो कहती हो कि वह स्कूल और अस्पताल बनाएगी।
विजय बघेल और भूपेश बघेल के बीच पहले भी तीन बार चुनावी घमासान हो चुका है। इसमें भूपेश ने 2 बार तो वहीं, विजय बघेल ने 1 बार बाजी मारी थी।
छत्तीसगढ़ में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होंगे। भाजपा अभी से इसकी तैयारी में लग गई है।
इस साल के अंत में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यह चुनाव अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अपनी तैयारियों को परखने का एक मौका है। इन चुनावों के परिणाम लोकसभा इलेक्शन में बड़ा असर डालेंगे
पीएम मोदी ने आज लाल किला से दिए गए संबोधन में परिवारवाद को एक बीमारी बताया था। अब इस बयान पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया दी है।
राजधानी रायपुर में सर्व आदिवासी समाज ने बड़ी रैली करते हुए विश्व आदिवासी दिवस मनाया है। यह रैली आदिवासियों के चुनावी ताल ठोंकने की थी, इसी रैली के बाद अरविंद नेताम ने अपना इस्तीफा कांग्रेस पार्टी को भेज दिया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव भले ही साल के अंत में होने हैं, लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने अपने 9 उम्मीदवारों की घोषणा अभी करके चुनावी बिगुल बजा दिया है।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने दावा किया है कि साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी 60 से 75 सीटों पर जीत हासिल करेगी। बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटें जीती थीं।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कद्दावर नेता टीएस सिंह देव को पार्टी ने सूबे का उपमुख्यमंत्री बनाया है। इस कदम को विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पार्टी द्वारा उनकी कथित नाराजगी को दूर करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
2023 में त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान, तेलंगाना और जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। इनमें से कुछ राज्यों में बीजेपी, कुछ में कांग्रेस तो कुछ में अन्य दल सत्ता में हैं।
कांग्रेस के केके ध्रुव अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी गंभीर सिंह से 3,664 मतों से आगे हैं। अधिकारियों ने बताया कि ध्रुव को अब तक 8,520 मत प्राप्त हुए हैं तथा सिंह को 4,856 मत मिले हैं। वोटों की गिनती जारी है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के विधानसभा चुनाव जीतने और मुख्यमंत्री के नाम तय होने के बाद अब तीनों राज्यों में सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह होगा।
शनिवार को दिल्ली में राहुल के घर दिन भर चली माथापच्ची के बाद माना जा रहा है कि राज्य में मुख्यमंत्री का नाम तय हो गया है। शनिवार को मुख्यमंत्री पद के सभी चारों प्रत्याशी दिल्ली में ही थे।
छत्तीसगढ़ इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने छत्तीसगढ़ में 90 नवनिर्वाचित विधायकों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य में इस साल हुए चुनाव में 68 ऐसे विधायक चुने गए हैं जो करोड़पति हैं।
छत्तीसगढ़ में भाजपा के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी अपनी भविष्य की रणनीतियों के तहत यह फैंसला ले सकती है।
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