आज से सूर्य षष्ठी व्रत की शुरुआत है । आज सूर्य षष्ठी व्रत, यानि कि छठ पूजा का पहला दिन है | दीपावली के बाद बड़े त्योहारों में शामिल छठ पूजा का बड़ा ही विशेष महत्व है |
चार दिन चलने वाले छठ महापर्व की शुरुआत 8 नवंबर से नहाय खाय के साथ होगी। इस खास दिन पर अपने करीबियों और दोस्तों को ये मैसेज भेजकर उन्हें महापर्व की शुभकामनाएं दें।
अगर आप पहली बार छठी मइया का व्रत रख रहे हैं तो सबसे पहले पूजन सामग्री लिस्ट जरूर बना लें। जानिए चार दिन तक चलने वाले इस व्रत में पूजा अर्चना के दौरान किन चीजों की आपको जरूरत होगी।
आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा कहा, अगर, वे (BJP) छठ पूजा पर गंदी राजनीति जारी रखेंगे तो पूर्वांचल के लोग उन्हें कभी क्षमा नहीं करेंगे।
8 नवंबर से छठ महापर्व की शुरुआत हो रही है। ये पर्व चार दिन तक चलता है। जानिए इन चार दिनों में किस दिन किस तरह से पूजा अर्चना की जाती है।
पूर्वी यूपी और बिहार के पूर्वाचल के मतदाता, जो राजधानी शहर के कुल मतदाताओं का 36 प्रतिशत से अधिक है, किसी भी पार्टी का राजनीतिक भाग्य तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
पश्चिमी दिल्ली से सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि वह छठ का पर्व यमुना के घाट पर ही मनाएंगे। तिवारी ने एक बयान जारी करके कहा कि वह यह जान कर ‘‘स्तब्ध’’ हैं कि श्रद्धालुओं को छठ पर्व यमुना नदी के किनारों पर मनाने की अनुमति नहीं है।
डीडीएमए ने बताया कि 1 नवंबर से दिल्ली में सिनेमा हॉल, थिएटर, मल्टीप्लेक्स को 100 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित करने की अनुमति होगी। वहीं 1 नवंबर से 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ऑडिटोरियम और सभा भवन की भी अनुमति दी गई है। वहीं यमुना नदी के किनारों को छोड़ कर दिल्ली में निर्दिष्ट स्थानों पर छठ पूजा की अनुमति होगी।
दिल्ली में छठ पूजा को मंजूरी मिल गई है.डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अभी अभी ऐलान किया है।
पटना के पार्कों में स्थित स्थायी तालाबों को चिह्न्ति कर लिया गया है तथा अस्थायी तालाबों के निर्माण स्थलों की पहचान की जा रही है।गंगा घाटों के अलावा पटना के 45 पार्कों और तालाबों को चिन्हित किया गया है।
छठ पूजा पर प्रतिबंध के मुद्दे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के विरोध की पृष्ठभूमि में केजरीवाल ने पिछले सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल से डीडीएमए की यथाशीघ्र बैठक बुलाने और छठ पूजा की अनुमति देने का आह्वान किया था।
पिछले सप्ताह दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने एक आदेश में कोविड-19 स्थिति को देखते हुए नदी किनारे, जलाशयों और मंदिरों सहित सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा समारोह पर रोक लगा दी थी।
वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अन्य दलों के नेताओं से अपील की कि वे छठ पूजा को लेकर राजनीति नहीं करें। उन्होंने साथ ही कहा कि नदियों के किनारों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा करने पर रोक कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों की सुरक्षा के लिए लगाई गई है।
बुलेटिन के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार तक 14,38,868 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है जिनमें से 14.13 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बुधवार को कुल 72,386 नमूनों की जांच की गई।
डीडीएमए ने एक आधिकारिक आदेश में कहा, दिल्ली में त्योहारों के दौरान प्रदर्शनी, मेला, खाने-पीने की दुकानें, झूला, रैली और जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी।
आज हलषष्ठी व्रत है। यह पर्व श्री बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन व्रत करने से श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति होती है और जिनकी पहले से संतान है, उनकी संतान की आयु, आरोग्य और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है।
बिहार के पटना, झारखंड के रांची तथा उत्तर प्रदेश के वाराणसी, गोरखपुर और लखनऊ समेत अन्य जगहों पर नदी के घाटों पर चार दिवसीय छठ पूजा के अंतिम दिन श्रद्धालओं ने सूर्य की पूजा करके व्रत का पारण किया.
जुहू बीच और सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा और लोगों को इकट्ठा होने पर पाबंदी लगने की वजह से कई जगहों पर कृतिम तालाब की व्यवस्था की गई। ताकि लोग सूर्य को अर्ध्य दे सके। ऐसे ही कृत्रिम तालाब की व्यवस्था कुर्ला के कमानी इलाके में किया गया।
कोरोना वायरस की वजह से इस बार छठ पूजा की रौनक फीकी रही, इस तरह मनाया गया इस बार छठ का पर्व। देखिए इंडिया टीवी डिजिटल संवाददाता ज्योति जायसवाल की खास रिपोर्ट।
देश भर में कोरोनोवायरस के मामलों में वृद्धि के कारण, मुंबई सरकार ने छठ पूजा मनाने के लिए भक्तों के लिए कृत्रिम तालाब बनाया। सरकार ने पहले ही समुद्र तटों के पास छठ पूजा के उत्सव पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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