मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क को बारिश के सीजन के बाद फिर से खोल दिया गया है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस बार यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे।
कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, नामीबियाई चीते पवन को मंगलवार को नाले के किनारे अचेत अवस्था में पाया गया था। आइए जानते हैं पूरा मामला।
मध्य प्रदेश वन विभाग ने अफ्रीका से लाए गए चीतों के बारे में जानकारी RTI अधिनियम के तहत देने से इनकार कर दिया। वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने RTI दाखिल की थी।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में सितंबर 2022 में दक्षिण अफ्रीकी राज्य नमीबिया से चीता लाए गए थे। गामिनी नाम की मादा चीता बारिश के बीच अपने शावकों संग मौज-मस्ती करते हुए दिखी है।
सोशल मीडिया पर जंगल का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक चीता अपने शिकार के पीछे बिजली की रफ्तार से भाग रहा है। अंत में शिकार चिता की रफ्तार के आगे नतमस्तक हो जाता है।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से भागकर एक चीता राजस्थान के करणपुर इलाके के सिमारा गांव पहुंच गया है। चीता के पहुंचने की खबर मिलते ही आसपास के गांवों में दहशत फैल गई है।
जंगल सफारी के दौरान अगर जानवर करीब से दिख जाए तो लोग बहुत ही उत्साहित होते हैं। लेकिन तब क्या होगा जब वहीं जानवर आपके बगल में ही आकर बैठ जाएं। ऐसी भयानक स्थिति में आप अपने देवताओं को याद करने लगेंगे और अपनी जान की दुहाई मांगने लगेंगे।
दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता गामिनी ने पांच शावकों को जन्म दिया है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पर इसकी वीडियो भी शेयर किया है। इसके साथ ही देश में अब कुल 26 चीते हो गए हैं।
कूनो नेशनल पार्क में एक बार फिर नन्हे मेहमानों का आगमन हुआ है और ज्वाला नाम की नामीबियाई चीता ने 3 शावकों को जन्म दिया है। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक और चीता की मौत हो गई। नामीबिया से भारत लाए गए चीता 'शौर्य' की जान गई है।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में तीन शावकों का जन्म हुआ है। केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसकी जानकारी देते हुए खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट चीता के लिए बड़ी सफलता है।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबियाई चीता आशा का परिवार बड़ा हो गया है। उसने 3 शावकों को जन्म दिया है। इनका वीडियो भी सामने आया है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दी है।
मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में चीता को खुले जंगलों में छोड़ा, जिनमें से एक राजस्थान के बारां जिले की सीमा में घुस गया। इसके बाद मादा चीता को बेहोश कर कुनो वापस लाया गया।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दूसरी खेप में अफ्रीका से चीते लाए गए हैं। इन चीतों को पहले बाड़े में रखा गया और फिर उन्हें खुले जंगल में छोड़ने की कवायद हुई।
उत्तरी गोलार्द्ध स्थित उत्तरी और उत्तर पूर्वी अफ्रीका में रहने वाले चीते संभव है कि भारतीय परिस्थितियों को बेहतर तरीके से अंगीकार करें। इसपर विचार किया जा रहा है लेकिन हमें अफ्रीका के इस हिस्से में चीतों की स्थिति का आकलन करना बाकी है।
प्रोजेक्ट चीता में स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। उन्हें रोजगार के विभिन्न अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। देश में चीता पुर्नस्थापन हेतु मध्य प्रदेश के गांधी सागर अभ्यारण्य में आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं।
कूनो नेशनल पार्क में लगातार अंतराल पर हो रही चीतों की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, और अब एक्सपर्ट्स ने इनका जवाब देने की कोशिश की है।
विदेशों से लाए गए चीतों की मौत ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है। पिछले साल भर से भी कम समय में कूनो नेशनल पार्क में 9 चीतों की मौत हो चुकी है।
चीतों की मौत पर बातचीत करते हुए उमा भारती ने कहा कि जिस प्रकार की घास अफ्रीकी जंगलों में होती थी वह चीतों को नहीं मिल पा रही है। वहां के वनस्पति की गंध उन्हें यहां नहीं मिल पा रही है। वे अपने परिवार और परिवेश से बिछड़ गए हैं।
17 सितंबर 2022 को नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। इन्हें पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर रिलीज किया था। जिसके बाद इसी साल 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए थे।
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