उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को कहा कि आठ जून से चारधाम यात्रा सीमित तरीके से शुरू हो जाएगी।
अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर रविवार को उत्तराखंड में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का आरंभ हो गया। हालांकि, कोविड-19 के साये में शुरू हुई इस यात्रा से फिलहाल श्रद्धालुओं को दूर ही रखा गया है।
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के एक आदेश में सुधार के साथ उत्तराखंड के चार पवित्र नगरों को सभी मौसम में जोड़ने वाली 900 किलोमीटर लंबी महत्वाकांक्षी चारधाम राजमार्ग परियोजना को हरी झंडी दे दी है।
अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर मंगलवार को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखण्ड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधामों की यात्रा की शुरूआत हो जायेगी।
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में 5 साल पहले आई प्राकृतिक आपदा के चलते बुरी तरह प्रभावित हुई विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की पुरानी रंगत फिर लौट आई है।
चंपावत से निकली चिंगारी पूरे जंगल को जलाकर ख़ाक कर देने पर आमादा है। बागेश्वर में भी मंज़र कुछ ऐसा ही है। यहां तो जंगल में लगी आग सड़क के किनारे तक पहुंच चुकी है जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी होने लगी है। श्रीनगर में तो आग का तांडव और भी ज्यादा भयानक है।
लांबागढ़ के पास बद्रीनाथ राजमार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया है। चमौली जिले में ही 50 से अधिक सड़कें बाधित हैं। मुलयागांव, ब्यासी और तोताघाट के पास ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग बाधित है। क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि अगले 48 घ
ऋषिकेश के उपजिलाधिकारी हर गिरि ने बताया कि मौसम विभाग की ओर से अगले 48 घंटों के दौरान प्रदेश में भारी बारिश के चेतावनी के चलते पहाडों में भूस्खलन की आशंका है। जिसके मद्देनजर आवागमन नियंत्रित रखे जाने की एडवाइजरी जारी की गयी है और चारधाम जाने वाले तीर
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