केदारनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सर्विस लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है और इसी का फायदा उठाकर ठग टिकट बुकिंग के नाम पर ठगी कर रहे हैं।
यात्रा में बच्चे हों या फिर बुजुर्ग सभी पहुंच रहे हैं। लेकिन इस बार यात्रा में कुछ ऐसे आंकड़े सामने आ रहे हैं जो की चिंता का विषय है। पिछले 34 दिन की बात करें तो इन 34 दिनों में करीब 75 यात्रियों की मौत हो चुकी है।
चारधाम यात्रा को रोकने का अहम कारण उत्तराखंड में खराब मौसम को बताया जा रहा है। दरअसल अबतक 10 लाख से अधिक लोग चारधाम की यात्रा कर चुके हैं। चारों धामों पर भीड़ और सुरक्षा के लिहाज से कैमरे लगाए गए हैं।
प्रशासन और पशुपालन विभाग इस बार यात्रा में पशुओं के लिए काफी व्यवस्थाएं की हैं। वहीं, अब तक नियमों के खिलाफ काम करने वाले 100 घोड़े खच्चर संचालकों का चालान किया गया है।
इस वीडियो को न्यूज एजेंसी ANI ने शेयर किया है। पुलिस ने इस घटना के बाद गौचर, कर्णप्रयाग और लंगासू में बैरियर लगा दिया है। साथ ही बद्रीनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को रुकने को कहा गया है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि वह श्रद्धालुओं से भी अपील कर रहे हैं कि केदारनाथ सहित अन्य धामों में जब तक बारिश हो रही है तब तक उन्हें अपनी यात्रा स्थगित करनी चाहिए।
एहतियातन यदि केदारनाथ यात्रा को रोका नहीं गया होता तो बुधवार शाम आए बर्फीले हिमस्खलन के समययात्रियों के आवागमन के कारण कोई भी बड़ी जनहानि होने की संभावना थी।
बर्फबारी के बाद केदारनाथ धाम में लगातार तापमान में गिरावट देखी जा रही है, जिससे यहां पर ठंड काफी बढ़ गई है, जिसका असर बुजुर्ग तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। केदारनाथ धाम में अभी तक चार लोगों की मौत हो चुकी है।
केदारनाथ मंदिर को 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। 8वीं और 9वीं सदी में जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया था।
चारधाम यात्रा में मौसम से यात्रियों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े, इसके लिए पुलिस ने कमर कस ली है। वहीं, मौसम विभाग ने भी यात्रियों को मौसम के बेहतर होने के बाद ही यात्रा में आने को कहा है।
भारी बर्फबारी के बीच कल पूरे विधि-विधान के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुलने वाले हैं। इस अवसर पर अंतिम तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर को सजाने में 20 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल हुआ है।
जोशीमठ में तिमुंडिया मेले के साथ बद्रीनाथ यात्रा का आगाज हो गया है। जोशीमठ के नृसिंह मंदिर प्रांगण में तिमुंडिया मेले का आयोजन हुआ। पौराणिक काल से चली आ रही परंपरा आज भी उसी रूप में मनाई जा रही है।
ऋषिकेश में आयोजित 'ऋषिकेश से चारधाम यात्रा-2023' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया और चारों धामों के देवी-देवताओं- बाबा केदार, बदरीविशाल, मां गंगोत्री और मां यमुनोत्री से पिछले साल की तरह इस साल भी यात्रा के धूमधाम एवं कुशलतापूर्वक संपन्न होने की प्रार्थना की।
उत्तराखंड में कोरोना केसों में लगातार इजाफा हो रहा है। चिंता की बात है कि सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण देहरादून में बढ़ा है। संक्रमण दर 10 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है।
चार धाम यात्रा 2023: इस बार बिना QR Code के चार धाम यात्रा के लिए नहीं मिलेगी एंट्री। आपको इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जानिए रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रोसेस।
दोनों धामों के लिए श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन मंगलवार को शुरू हुआ और पहले दो दिनों में अब तक 61,250 लोग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।
Chardham Yatra 2023 Registration Details: अगर आप भी चारधाम यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं तो उससे पहले जान लें कि वहां क्या-क्या डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी। साथ ही चारधाम यात्रा से पहले रजिस्ट्रेशन करवाना भी बहुत जरूरी है।
केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल से खुल जाएंगे और भक्त भगवान का दर्शन कर सकेंगे। आज विधिवत इसका ऐलान किया गया। बद्रीनाथ धाम मंदिर के कपाट 27 अप्रैल से खुल जाएंगे।
3 मई को शुरू हुई चारधाम यात्रा अब अपने समापन की ओर है। आंकड़ों के मुताबिक, इस बार 42 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने यात्रा में हिस्सा लिया।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में इस यात्रा सीजन में अब तक डेढ़ माह की अवधि में दो तिहाई तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए।
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