3 मई को शुरू हुई चारधाम यात्रा अब अपने समापन की ओर है। आंकड़ों के मुताबिक, इस बार 42 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने यात्रा में हिस्सा लिया।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में इस यात्रा सीजन में अब तक डेढ़ माह की अवधि में दो तिहाई तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए।
15 मई तक तक चारों धाम में पांच लाख 14 हजार 129 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 1,86,668 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। मौसम इसी तरह साथ देता रहा तो आने वाले दिनों में यात्रा नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती है।
उत्तराखंड में चल रही चार धाम यात्रा में पिछले दो सप्ताह में हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और माउंटेन सिकनेस से कम से कम 34 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इनमें ज्यादातर वे लोग हैं, जो पहले कोरोना के संक्रमण से गुजर चुके थे।
पिछले दो सालों के दौरान कोविड-19 के कारण बाधित रही चारधाम यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने के मद्देनजर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मंदिरों में वीआइपी दर्शन की व्यवस्था समाप्त करते हुए एक समान व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए।
अव्यवस्थाओं और कठिन परिस्थितियों के बीच वृद्ध और बीमार तीर्थयात्रियों की जान पर पैदल यात्रा भारी पड़ रही है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के पुख्ता इंतजाम होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कठिन पैदल मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ठहरने के पर्याप्त इंतजाम तक नहीं हैं।
भीड़ इतनी ज्यादा है कि कई तीर्थयात्रियों को टेंट तक नसीब नहीं हो रहा है और उन्हें खुले में रात बितानी पड़ रही है।
सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल गए।
बीते दिनों संतों ने मांग की थी कि चारधाम यात्रा क्षेत्र में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। इस पर सीएम धामी ने कहा कि सरकार के संज्ञान में यह विषय है और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
चारधाम यात्रा अभी यात्रा शुरू भी नहीं हुई है, मगर यात्रा रूट पर लगे सभी वाहन फुल हो गए हैं। यहां तक कि जीएमवीएन के ज्यादातर गेस्ट हाउस भी बुक हो चुके हैं। पर्यटकों को वाहनों की बुकिंग के लिए 15 दिन बाद का समय दिया जा रहा है।
इस साल तो केदारनाथ धाम में भी परिसर से बर्फ हटाने की जरूरत ही नहीं पड़ी, क्योंकि यहां जमी बर्फ पिघल चुकी है। इसके अलावा गंगोत्री और यमुनोत्री में नाममात्र की बर्फ रह गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर बारिश नहीं हुई और इसी तरह गर्मी पड़ती रही तो ऊंची चोटियां भी बर्फविहीन हो जाएंगी।
वित्तवर्ष 2022-23 का 67 करोड़ 22 लाख 62 हजार 137 रुपये का बजट पारित किया गया। बदरीनाथ अधिष्ठान के लिए 34 करोड़ 44 लाख एक हजार, 323 जबकि केदारनाथ प्रतिष्ठान के लिए 32 करोड़ 78 लाख 60 हजार 814 रुपये आय प्रस्तावित की गई।
बडी संख्या में तीर्थयात्रियों के चारधाम क्षेत्रों में होने के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ठहराए जाने के निर्देश दिए जिसके बाद श्रद्धालुओं को यात्रा पड़ावों में ही रोक लिया गया।
भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित कर दी गई है। साथ ही चारधाम यात्रा के समापन की जानकारी भी दी गई है।
दिल्ली से आये हौंडा परिवार को गुरुवार को बद्रीनाथ से मात्र 14-15 किलोमीटर पहले पाण्डुकेश्वर में रोक दिया गया।
कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय तक स्थगित रहने के बाद इस वर्ष की चारधाम यात्रा आज से शुरू हो रही है। इस यात्रा के लिए यात्रियों को कड़े नियमों का पालन करना होगा।
कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय तक स्थगित रहने के बाद इस वर्ष की चारधाम यात्रा आज से शुरू हो रही है। इस यात्रा के लिए यात्रियों को कड़े नियमों का पालन करना होगा।
उत्तराखंड ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जानकारी दी कि चारधाम यात्रा कल 18 सितंबर से शुरू हो जाएगी।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आर.एस. चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की निर्धारित दैनिक संख्या जैसे प्रतिबंधों के साथ ही यात्रा संचालित होगी।
पुष्कर सिंह धामी ने इंडिया टीवी के साथ विशेष बातचीत में कहा कि सबसे पहले तो मैं माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी बहुत धन्यवाद करता हूं, दिल से बहुत आभारी हूं कि उन्होंने एक सामान्य परिवार में पैदा हुए एक सैनिक के पुत्र को उत्तराखंड के मुख्य सेवक के रूप में काम करने का अवसर प्रदान किया।
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