अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर मंगलवार को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखण्ड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधामों की यात्रा की शुरूआत हो जायेगी।
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में 5 साल पहले आई प्राकृतिक आपदा के चलते बुरी तरह प्रभावित हुई विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की पुरानी रंगत फिर लौट आई है।
उत्तराखंड के जंगल में लगी आग हाईवे तक पहुंची, चारधाम यात्रा पर पड़ सकता है असर
चंपावत से निकली चिंगारी पूरे जंगल को जलाकर ख़ाक कर देने पर आमादा है। बागेश्वर में भी मंज़र कुछ ऐसा ही है। यहां तो जंगल में लगी आग सड़क के किनारे तक पहुंच चुकी है जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी होने लगी है। श्रीनगर में तो आग का तांडव और भी ज्यादा भयानक है।
उत्तराखंड के चमौली में बदल फटने से तबाही, चारधाम यात्रा पर पड़ सकता है असर
सरकार ने केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को जोड़ने वाली चार धाम संपर्क मार्ग परियोजना के तहत एक सुरंग के निर्माण के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी जिसकी लागत 1,384 करोड़ रुपए होगी।
A Mufti of Darul Uloom has triggered a fresh row with his remark that the Badrinath Temple, dedicated to Lord Vishnu, is a religious place of Muslims. He even said that Hindus should handover the nint
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पर्यावरण, सड़क एवं अन्य मंत्रालय के अधिकारियों से चारधाम संपर्क परियोजना के लिए तेजी से मंजूरियां देने के लिए कहा।
लांबागढ़ के पास बद्रीनाथ राजमार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया है। चमौली जिले में ही 50 से अधिक सड़कें बाधित हैं। मुलयागांव, ब्यासी और तोताघाट के पास ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग बाधित है। क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि अगले 48 घ
ऋषिकेश के उपजिलाधिकारी हर गिरि ने बताया कि मौसम विभाग की ओर से अगले 48 घंटों के दौरान प्रदेश में भारी बारिश के चेतावनी के चलते पहाडों में भूस्खलन की आशंका है। जिसके मद्देनजर आवागमन नियंत्रित रखे जाने की एडवाइजरी जारी की गयी है और चारधाम जाने वाले तीर
केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के लिए सभी मौसम में संपर्क उपलब्ध कराने की सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम परियोजना को और बल मिल गया है।
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