केदारनाथ मंदिर को 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। 8वीं और 9वीं सदी में जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया था।
चारधाम यात्रा में मौसम से यात्रियों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े, इसके लिए पुलिस ने कमर कस ली है। वहीं, मौसम विभाग ने भी यात्रियों को मौसम के बेहतर होने के बाद ही यात्रा में आने को कहा है।
भारी बर्फबारी के बीच कल पूरे विधि-विधान के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुलने वाले हैं। इस अवसर पर अंतिम तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर को सजाने में 20 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल हुआ है।
जोशीमठ में तिमुंडिया मेले के साथ बद्रीनाथ यात्रा का आगाज हो गया है। जोशीमठ के नृसिंह मंदिर प्रांगण में तिमुंडिया मेले का आयोजन हुआ। पौराणिक काल से चली आ रही परंपरा आज भी उसी रूप में मनाई जा रही है।
ऋषिकेश में आयोजित 'ऋषिकेश से चारधाम यात्रा-2023' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया और चारों धामों के देवी-देवताओं- बाबा केदार, बदरीविशाल, मां गंगोत्री और मां यमुनोत्री से पिछले साल की तरह इस साल भी यात्रा के धूमधाम एवं कुशलतापूर्वक संपन्न होने की प्रार्थना की।
उत्तराखंड में कोरोना केसों में लगातार इजाफा हो रहा है। चिंता की बात है कि सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण देहरादून में बढ़ा है। संक्रमण दर 10 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है।
चार धाम यात्रा 2023: इस बार बिना QR Code के चार धाम यात्रा के लिए नहीं मिलेगी एंट्री। आपको इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जानिए रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रोसेस।
दोनों धामों के लिए श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन मंगलवार को शुरू हुआ और पहले दो दिनों में अब तक 61,250 लोग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।
Chardham Yatra 2023 Registration Details: अगर आप भी चारधाम यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं तो उससे पहले जान लें कि वहां क्या-क्या डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी। साथ ही चारधाम यात्रा से पहले रजिस्ट्रेशन करवाना भी बहुत जरूरी है।
केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल से खुल जाएंगे और भक्त भगवान का दर्शन कर सकेंगे। आज विधिवत इसका ऐलान किया गया। बद्रीनाथ धाम मंदिर के कपाट 27 अप्रैल से खुल जाएंगे।
Joshimath: उत्तराखंड के बद्रीनाथ मंदिर को लेकर हिंदुओं की गहरी आस्था है। ऐसे में इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि लाखों सालों बाद बद्रीनाथ मंदिर जोशीमठ के करीब स्थापित हो जाएगा और फिर वही जगह भगवान विष्णु का स्थान होगा।
3 मई को शुरू हुई चारधाम यात्रा अब अपने समापन की ओर है। आंकड़ों के मुताबिक, इस बार 42 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने यात्रा में हिस्सा लिया।
Char Dham Yatra: चार धाम यात्रा को लेकर पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में कई अहम सुझाव और निर्णय लिए गए हैं। यात्रा को और सुगम बनाने के लिए कई सुविधावों को बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरूवार को वर्चुअल माध्यम से बद्रीनाथ और केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से इस बैठक में वर्चुअली भाग लिया।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में इस यात्रा सीजन में अब तक डेढ़ माह की अवधि में दो तिहाई तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए।
यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर दर्जनों से भी ज्यादा लोग हादसे का शिकार हो चुके हैं। लेकिन इस 111 किलोमीटर मार्ग का चौड़ीकरण करना अभी भी बाकी है। रविवार की दुर्घटना को मिलाकर अब तक तीन हादसे हो चुके हैं, जिनमें अब तक 70 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।
Char Dham Yatra: इस तरह का मामला न केवल यूपी में बल्कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में भी सामने आया है।
15 मई तक तक चारों धाम में पांच लाख 14 हजार 129 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 1,86,668 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। मौसम इसी तरह साथ देता रहा तो आने वाले दिनों में यात्रा नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती है।
उत्तराखंड में चल रही चार धाम यात्रा में पिछले दो सप्ताह में हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और माउंटेन सिकनेस से कम से कम 34 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इनमें ज्यादातर वे लोग हैं, जो पहले कोरोना के संक्रमण से गुजर चुके थे।
पिछले दो सालों के दौरान कोविड-19 के कारण बाधित रही चारधाम यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने के मद्देनजर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मंदिरों में वीआइपी दर्शन की व्यवस्था समाप्त करते हुए एक समान व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए।
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