चंद्रयान-2 मिशन की आंशिक असफलता पर पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने तंज कसा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम से संपर्क बहाल करने की कोशिश जारी रखे हुए है लेकिन विशेषज्ञों ने कहा है कि समय निकलता जा रहा है और संपर्क बहाल होने की संभावना कम होती जा रही है।
लैंडर विक्रम की लोकेशन की जानकारी ISRO को मिल गई है। अब ISRO लैंडर विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश में लगा हुआ है।
चंद्रयान -2: इसरो ने लापता लैंडर 'विक्रम' का पता लगाया
इसरो चीफ के सिवन ने बताया, हमें चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की लोकेशन मिल गई है और ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल इमेज क्लिक की है। लेकिन, अभी तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है। हम संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द ही इससे संपर्क कर लिया जाएगा।
इसरो चीफ के सिवन ने बताया, हमें चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की लोकेशन मिल गई है और ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल इमेज क्लिक की है।
इसरो प्रमुख के सिवन का कहना है कि चंद्रयान मिशन 95 फीसदी सफल रहा है और विक्रम लैंडर से दोबारा संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ये बाते इसरो प्रमुख ने दूरदर्शन से बातचीत के दौरान कहीं।
नासा ने ट्वीट कर कहा कि अंतरिक्ष मुश्किलों से भरा है। हम इसरो के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के प्रयास की सराहना करते हैं। आपकी यात्रा ने हमें प्रेरित किया है
देखिए चंद्रयान-2 पर हमारा स्पेशल शो
चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने इसरो वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई की , लेकिन पार्टी नेता उदित राज ने ''वैज्ञानिकों के पूजा-पाठ' पर सवाल उठाकर एक विवाद को जन्म दे दिया।
इसरो प्रमुख के सिवन का कहना है कि चंद्रयान मिशन 95 फीसदी सफल रहा है और विक्रम लैंडर से दोबारा संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ये बाते इसरो प्रमुख ने दूरदर्शन से बातचीत के दौरान कहीं।
चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव पर रोवर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग” कराने का भारत का ऐतिहासिक मिशन भले ही अधूरा रह गया हो लेकिन उसके इंजीनियरिंग कौशल और बढ़ती आकांक्षाओं ने अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के उसके प्रयास को गति दी है।
विक्रम जब चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर था, तभी यह अपने रास्ते से थोड़ा भटक गया जिसके बाद धरती पर मौजूद स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया।
लैंडर विक्रम का शनिवार तड़के चांद के सतह पर उतरने से कुछ समय पहले संपर्क टूट गया था।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के तथ्यों के मुताबिक पिछले छह दशक में शुरू किए गए चंद्र मिशन में सफलता का अनुपात 60 प्रतिशत रहा है।
वर्ष 1986 से 2001 तक पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित रूसी अंतरिक्ष केंद्र मीर में लिनेंगर पांच महीने तक रहे थे। वह शुक्रवार को नेशनल जियोग्राफिक चैनल पर चंद्रयान-2 की लैंडिंग के सजीव प्रसारण में शामिल हुए।
मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का लैंडिंग से महज 2.1 किलोमीटर पहले सम्पर्क टूट गया। जिसके चलते भारत का मिशन चंद्रयान-2 असफल हो गया।
चंद्रयान -2 के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि यह सफर थोड़ा लंबा जरूर हुआ है लेकिन आने वाले कल में सफलता जरूर मिलेगी।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी कहा कि लैंडर से सिर्फ संपर्क टूटा है लेकिन 1.3 अरब भारतीयों का हौसला बरकरार है।
लैंडर का यह नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए साराभाई पर दिया गया था। इसे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए डिजाइन किया गया था और इसे एक चंद्र दिवस यानी पृथ्वी के 14 दिन के बराबर काम करना था।
संपादक की पसंद