आदित्य एल1 ने धरती की सतह को छोड़ दिया है। अब यह यान सूर्य की ओर बढ़ चला है और अगले 128 दिनों में वह एल1 प्वाइंट पर पहुंच जाएगा। यहां पहुंचने के बाद यह यान सूर्य का अध्ययन करेगा और इसरो को डेटा भेजेगा।
सूर्ययान यानी आदित्य एल1 को आज लॉन्च किया जाएगा। सुबह 11.50 बजे इसरो द्वारा आदित्य एल1 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इससे जुड़ा अहम सवाल ये है कि क्या सूर्य के इतने करीब पहुंचने पर आदित्य एल1 जलकर खाक नहीं होगा।
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद इसरो आज सूर्ययान आदित्य एल1 को लॉन्च करने वजा रहा है। आदित्य एल1 को 2 सितंबर की सुबह 11.50 बजे लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि दिए गए लिंक के जरिए इस लॉन्च का लाइव प्रसारण आप देख सकते हैं।
इसरो आज आदित्य एल1 को लॉन्च करने वाला है। यह लॉन्चिंग आज सुबह 11.50 बजे होगी। इस मिशन का काम होगा सूर्य के तापमान व वहां हो रही घटनाओं का अध्ययन करना। इस यान को सूर्य की कक्षा में पहुंचने में 128 दिन का समय लगेगा।
सूरज के रहस्यों पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ है। यहां कई ऐसे राज दबे हुए हैं, जिससे हम सभी अभी तक अंजान हैं। इन तमाम राज को उजागर करने के लिए भारत आदित्य-एल1 मिशन को 2 सितम्बर को सुबह 11:50 पर लॉन्च कर रहा है।
एनसीईआरटी को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने जा रहा है। जिसके बाद एनसीईआरटी स्वंय की ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और डॉक्टरेट डिग्री दे सकेगी। ये जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी है।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो चांद के बाद अब सूर्य पर भी खोज करने के लिए मिशन लॉन्च करने जा रही है। इससे पहले इसरो के चीफ मंदिर पहुंचे।
चंद्रयान 3 की सफलता पर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ने इसरो को बधाई दी है। इसरो को बधाई देते हुए विपक्षी गठबंधन ने कहा कि चंद्रयान 3 की सफलता के बाद दुनिया की निगाहें अब आदित्य एल 1 के लॉन्च पर टिकी हैं।
चंद्रयान 3 ने चंद्रमा पर पहली बार प्राकृतिक भूकंपीय गतिविधियों के रिकॉर्ड किया है। इसरो के अनुसार चांद की सतह पर प्रज्ञान रोवर और लैंडर विक्रम ने भूकंपीय गतिविधियों को दर्ज किया है। इसरो ने कहा कि यह घटना प्राकृतिक प्रतीत होती है। इसके सभी स्रोतों की जांच की जा रही है।
23 अगस्त की शाम भारत के चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी हिस्से में लैंडिंग कर के इतिहास रच दिया था। इसके बाद से लगातार इसरो के वैज्ञानिकों का सम्मान किया जा रहा है।
भारत अब तक चांद पर तीन मिशन भेज चुका है। साल 2008 में चंद्रयान-1 को लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग कराई गई थी जिससे चांद पर पानी के बारे में पता चला था। फिर 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर पाया। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करते ही भारत ने रिकॉर्ड बना दिया।
इसरो द्वारा भेजे गए चंद्रयान-3 का लैंडर पूरी शान के साथ चांद की सतह पर खड़ा है। प्रज्ञान रोवर ने लैंडर विक्रम की एक और तस्वीर अपने कैमरे में कैद की है। इस तस्वीर को इसरो ने जारी किया है।
इसरो ने विक्रम लैंडर की तस्वीर जारी की है जिसे प्रज्ञान रोवर में लगे कैमरे ने क्लिक किया है। प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी कर रहा है और कई नई जानकारियां भेज रहा है।
चंद्रयान-3 मिशन के जरिए भारत ने एक और ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की है। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने चांद पर ऑक्सीजन का पता लगाया है।
मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले किए गए। इनमें चंद्रयान-3 की सफलता की सराहना से लेकर रसोई गैस की कीमतों में कटौती की घोषणा अहम रही।
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद इसरो अब सूर्य के अध्ययन के लिए अपना मिशन भेजने वाला है। सूर्य का अध्ययन करने वाले Aditya L1 मिशन को 2 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा।
चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवर चांद पर नए-नए खोज कर रहा है। दूसरी ओर भारत में इसके लैंडिंग साइट के नामकरण को लेकर राजनीतिक दलों के बीच विवाद हो गया है।
इसरो ने रोवर प्रज्ञान की कुछ नई तस्वीरें जारी की है। दरअसल, रोवर चांद की सतह से सैंपल्स जुटाने में लगा है। इस बीच, रोवर प्रज्ञान चहलकदमी करते हुए एक बड़े गड्ढे के पास पहुंच गया।
मिशन चंद्रयान 3 को पूरा करने के बाद भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो अब सूर्य तक अपनी पहुंच बनाने की तैयारियों में जुट चुका है। इसी कड़ी में आदित्य एल 1 मिशन को जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।
आसमान में 30 अगस्त की रात अनोखी आकाशीय घटना होगी। इस दिन चांद सबसे ज्यादा चमकीला और बड़ा दिखाई देगा। क्या होता है सुपर ब्लू मून, आप कैसे और कब देख सकेंगे? जानिए पूरी डिटेल्स-
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