सोशल मीडिया पर चंद्रयान-3 का बताकर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो के साथ ये दावा किया जा रहा है कि चंद्रयान-3 के लॉन्च होने के बाद इसरो के वैज्ञानिक चांद पर अनुसंधान कर रहे हैं। इंडिया टीवी ने इस वीडियो का फैक्ट चेक किया और सच का पता लगाया।
Russia’s Luna 25 launches | Russia ने अपना Moon Mission Launch कर दिया। कुछ दिन बाद ये चांद की सतह पर कदम रखेगा। India का Chandrayaan 3 भी Moon के South Poll पर लैंड होगा। दोनों ही Moon Mission हैं। चलिए करते हैं दोनों का Comparison और जानते हैं किसकी क्या है खासियत।
रूस ने 47 बाद लूना-25 के रूप में अपना अभियान लॉन्च कर दिया है। शुक्रवार तड़के स्थानीय समय के मुताबिक 2 बजकर 11 मिनट पर बोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना-25 को लॉन्च किया गया। रूस का यह यान चांद के दक्षिणी हिस्से पर लैंड कर सकता है।
चंद्रमा पर भारी ट्रैफिक जाम लगने वाला है। यह बात आपको सुनकर अजीब लग रही होगी, मगर ये सच है। अब आप सोच रहे होंगे कि चंद्रमा पर भला ट्रैफिक जाम कैसे हो सकता है तो आपको बताते हैं...दरअसल भारत के चंद्रयान-3 मिशन के साथ ही आज रूस का लूना 25 मिशन भी लांच हो रहा है। नासा का आर्टेमिस भी चांद के सफर की तैयारी में है।
चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने से पहले मंगल ग्रह पर पानी होने के वजूद को लेकर वैज्ञानिकों ने कई चौंकाने वाला दावा किया है। अमेरिका, फ्रांस और कनाडा के वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि मंगल ग्रह पर मिली मिट्टी की दरारें यह बताती हैं कि यहां कभी पानी था और जो बाद में वाष्पित हुआ।
चंद्रयान-3 के लैंडर ने फिर चांद की विशेष तस्वीर खींचकर इसरो को भेजी है। इससे पहले भी चंद्रयान-3 दो बार अलग-अलग चांद और पृथ्वी की तस्वीर खींचकर शेयर कर चुका है। इसरो के वैज्ञानिकों ने लैंडर द्वारा खींची तस्वीरों का सेट शेयर किया है।
मिशन चंद्रयान 3 को लेकर इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा है कि 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर लैंडर 'विक्रम' सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा, 'विक्रम' का पूरा डिजाइन इस तरह से बनाया गया है कि यह विफलताओं को संभालने में सक्षम होगा।'
अगर चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड करने में सफल हो जाता है तो भारत, अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के अलावा ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
भारत के मिशन चंद्रयान-3 ने 3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद शनिवार को धरती की ग्रैविटी के दायरे से बाहर निकल कर चांद की ऑर्बिट में एंट्री की। अब यहां से चंद्रयान-3 को चरणबद्ध तरीके से चंद्रमा के पास ले जाया जाएगा।
Chandrayaan 3 News: चंद्रयान-3 चांद की कक्षा में इंटर कर चुका है और इस ऐतिहासिक मौके पर चांद की कक्षा से जो पहला मैसेज आया है वो भारत की उम्मीदों को बढ़ाने वाला है.
भारत के मिशन चंद्रयान-3 ने 3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद शनिवार को धरती की ग्रैविटी के दायरे से बाहर निकल कर चांद की ऑर्बिट में एंट्री की। अब यहां से चंद्रयान-3 को चरणबद्ध तरीके से चंद्रमा के पास ले जाया जाएगा।
भारत ने अंतरिक्ष में सफलता की नई इबारत लिख दी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 को शनिवार को चांद की कक्षा में स्थापित करा दिया है। अब आगामी 23, 24 अगस्त को यह चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर लैंडर के साथ उतरेगा। इसके बाद भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के लिए आज का दिन अहम है। चंद्रयान-3 आज शाम चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा।
चंद्रयान-3 के मिशन मून पर निकलने के साथ ही इसके लॉन्च को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो वायरल होने लगे। ऐसे ही एक वायरल वीडियो का इंडिया टीवी की टीम ने फैक्ट चेक किया है और दावे के पीछे की सच्चाई का पता लगाया।
अगर इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई ने सबसे पहले मिशन मून की शुरुआत की थी। अगस्त 2003 में पूर्व पीएम ने मून मिशन का ऐलान किया और अब 20 वर्षों में तीसरा चंद्रयान चांद के सफर पर है। अगर लैंडर सफल रहा तो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश हो जाएगा।
इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 ने दूसरा ऑर्बिट-रेजिंग मैनूवर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 की लोकेशन अब 41603 km x 226 ऑर्बिट में है।
अगर इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
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