चंद्रयान के चंद्रमा की सतह पर उतरने में बस दो दिन बचे हैं। जानकारी के मुताबिक लैंडर रोवर बुधवार की शाम को चांद की सतह पर उतरेगा। कैसे और कहां कदम रखेगा, जानिए पूरा प्रोसेस-
चंद्रयान-3 दो दिन बाद ही चांद की सतह पर उतरने वाला है। इससे पहले चंद्रयान ने चांद की कुछ तस्वीरें भेजी हैं जिसे इसरो ने शेयर किया है। देखें तस्वीरें-
चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल ने सफलतापूर्वक रविवार के दिन डिबूस्टिंग प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। इसी के साथ अब लैंडर और चंद्रमा की सतह के बीच मात्र 25 किमी की दूरी शेष रह गई है।
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शनिवार रात 2 बजे चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर विक्रम में दूसरी बार डीबूस्टिंग की गई। इस डीबूस्टिंग के बाद अब लैंडर विक्रम चंद्रमा की धरती के और करीब पहुंच गया है। दूसरी डीबूस्टिंग के साथ ही चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की लैंडिंग का काउंटडाउन भी शुरू हो चुका है।
Luna 25 और Chandrayaan-3 दोनों मिशन चांद की सतह पर उतरने वाले हैं। LUNA 25 चांद की सतह पर पहले लैंड करेगा। देखिए कैसे LUNA 25 Land करेगा। कितने वक्त तक ये चांद पर रहेगा और क्या वाकई Luna 25 और Chandrayaan-3 के साथ Moon को लेकर रेस शुरू हो चुकी है।
चंद्रयान-3 चांद पर उतरने से बस एक कदम दूर रह गया है। वह चांद के सबसे नजदीक वाले कक्षा में है और बहुत जल्द ही विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।
Chandrayaan-3 lander separates from propulsion module | Chandrayaan-3 चांद के और करीब पहुंचा है। अब इंतजार है 23 अगस्त का। जब Chandrayaan-3 चांद की सतह पर लैंड करेगा।
चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल ने डिबूस्टिंग की प्रकिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसी के साथ अब लैंडर और चांद के बीच दूरी और भी कम हो गई है।
भारत के चांद मिशन के साथ रूस का लूना-25 भी चांद मिशन पर है। रूस के लूना-25 ने चांद की अद्भुत तस्वीर खींची है। यह लूना-25 द्वारा खींची गई चांद की पहली तस्वीर है। वैज्ञानिकों के अनुसार लूना-25 ने चांद के उस हिस्से की तस्वीर खींचकर भेजी है, जहां आम तौर पर अंधेरा है यानि जो चांद का दक्षिणी ध्रुव है। भारत का चंद्रयान-3 भी।
इसरो के मिशन चंद्रयान-3 में अब तक सब कुछ ठीक चल रहा है...प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद विक्रम लैंडर चांद की कक्षा में अकेला चक्कर लगा रहा है। आज विक्रम लैंडर की डि-ऑर्बिटिंग की जाएगी...इसके बाद 20 अगस्त को भी डि-ऑर्बिटिंग होगी.
चंद्रयान के लैंडर को चंद्रम की सतह पर उतरने से पहले अभी कुछ और अहम पड़ाव पार करने हैं। इसी के तहत आज डीबूस्टिंग होगी जिससे यह चंद्रमा के और करीब आ जाएगा।
चंद्रयान-2 के दौरान हुई गलतियों से सबक सीखकर ISRO ने इस बार कई सुधार किए हैं इसलिए दिल की धड़कनें जरूर तेज हैं लेकिन भरोसा भी है कि हम 5 दिन बाद चांद की सतह को चूम कर ही दम लेंगे।
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हिंदुस्तान का चंद्रयान आज एक नया इतिहास रचने वाला है. चांद पर तिरंगा लहराने की दिशा में ISRO आज एक कदम और आगे बढ़ाने वाला है. इंडिया का चंद्रयान-3 चांद के बिल्कुल करीब पहुंच चुका है.
रूसी यान लूना-25 करीब पांच दिनों तक चंद्रमा का चक्कर लगाएगा। फिर 21 अगस्त को चांद पर लैंडिंग करेगा। वहीं भारत का चंद्रयान-3 दो दिन बाद यानी 23 अगस्त को दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। रूस और भारत के यानों पर दुनिया की नजर है।
भारत ने चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई को लॉन्च किया था। मिशन की प्लानिंग के अनुसार, अब लैंडर 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर लैंड करेगा। इसके साथ ही चांद के दक्षिणी हिस्से पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन जाएगा।
भारत ने 14 जुलाई को दोपहर 2.45 बजे LVM3 रॉकेट से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था। अब मॉड्यूल से अलग होने के बाद आगे का सफर लैंडर विक्रम अपने आप ही तय करेगा।
चंद्रयान-3 के जरिए भारत चांद की स्टडी करना चाहता है। वो चांद से जुड़े तमाम रहस्यों से पर्दा हटाएगा। भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है। मिशन चंद्रयान 3 को लेकर एक अहम प्रक्रिया को इसरो के वैज्ञानिक अंजाम देंगे।
इसरो ने ट्वीट कर बताया है कि चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा के काफी करीब पहुंच गया है। अब जल्द ही वह चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला है। इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है।
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