अयोध्या के लोगों के लिए राम मंदिर ट्रस्ट एक नई सुविधा शुरू करने जा रही है, माना जा रहा कि इससे लोगों की दुविधाए कम हो जाएंगी।
अयोध्या के राम मंदिर की छत से पानी टपकने के कारण लोगों द्वारा इसके निर्माण पर सवाल खड़े किए गए थे। अब मंदिर प्रशासन की ओर से इस मामले की पूरी सच्चाई बता दी गई है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उसे पूरी तरह ‘असत्य, निराधार और भ्रामक’ बताया है। चंपत राय ने कहा है कि राहुल गांधी के बयान से समाज में गंभीर मतभेद पैदा हो सकते हैं।
अयोध्या राम मंदिर में प्रतिदिन लाखों लोग रामलला का दर्शन करने आ रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद अबतक 1.5 करोड़ लोगों ने दर्शन किए। देखें वीडियो. क्या कहा चंपत राय ने-
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बयान जारी करते हुए कहा है कि रामनवमी के लिए अयोध्या तैयार है। उन्होंने कहा कि इस दिन 2 लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या आने वाले हैं। साथ ही चंपत राय ने अयोध्या आने वाले रामभक्तों से अपील भी की है।
अयोध्या के राम मंदिर के गर्भ गृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। पीएम मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया है। रामलला के दर्शन करने के लिए देशभर की हस्तियां पहुंची हैं।
Ram Mandir की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्साह है। इस मौके पर राजस्थान के दौसा जिले की सिकराय तहसील में स्थित मेंहदीपुर बालाजी मंदिर की तरफ से Ayodhya के रामभक्तों के लिए बड़ी मात्रा में भेटें भेजी गई हैं।
चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को 12:20 पर शुरू होगा और यह 1 बजे तक सम्पन्न हो जाएगा। इसके बाद पीएम मोदी, सीएम योगी और मोहन भागवत अपने मनोभाव व्यक्त करेंगे।
अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की नई प्रतिमा स्थापित की जाएगी, लेकिन बड़ा सवाल है कि फिर पुरानी प्रतिमा का क्या होगा। चंपत राय ने इस बारे में जानकारी दी है। जानिए क्या कहा है-
16 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा से पहले होने वाले पूजन शुरू हो जाएंगे। इसके साथ ही 18 जनवरी को मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में पहुंच जाएगी। चंपत राय ने बताया कि मूर्ति पत्थर की है और मूर्ति का रंग काला है।
चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को होगा लेकिन इससे जुड़े अन्य कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हो जाएंगे। इस कार्यक्रम में सभी धर्मो और सम्प्रदायों के लोगों को न्योता भेजा गया है और वह इसमें शामिल होंगे।
मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर गज, सिंह और गरुण देव की मूर्तियों को भी स्थापित किया गया है। इसके साथ ही अब यहां भगवान श्री राम के सबसे परम भक्त हनुमान जी की प्रणाम मुद्रा की एक मूर्ति को भी स्थापित किया गया है।
जनवरी महीने में श्रीराम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले अयोध्या में जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर को सभी व्यवस्थाओं से लैस किया जा रहा है ताकि प्रभु श्रीराम के भक्त आसानी से अयोध्या आकर मंदिर के दर्शन कर सकें।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्री रामलला सरकार के श्री विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा दिनांक 22 जनवरी 2024 को होगी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। शुक्रवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और गवर्नर आनंदीबेन पटेल को भी निमंत्रण पत्र सौंप दिया गया है।
मंदिर 23 जनवरी से भक्तों के लिए खोला जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र ट्रस्ट ने ठंड के मौसम की स्थिति के कारण विभिन्न संप्रदायों के बुजुर्ग प्रमुखों से जनवरी के बजाय फरवरी में अयोध्या आने की अपील भी की है।
चंपत राय ने कहा है कि "प्राण प्रतिष्ठा" के दिन, प्रत्येक राम भक्त को शाम को सरसों के तेल के पांच दीपक जलाने चाहिए। 5 नवंबर को सभी प्रांतों से विहिप के प्रतिनिधियों को अयोध्या बुलाया गया है। उनको भगवान राम द्वारा पूजित चावल का 5 किलो का पैकेट दिया जाएगा।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। राम मंदिर ट्र्स्ट ने निर्माण कार्य में हुए खर्च को लेकर जानकारी दी है। ट्रस्ट ने कहा है कि 5 फरवरी, 2020 से इस साल 31 मार्च के तक 900 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और अभी खाते में 3000 करोड़ रुपये बचे हैं।
श्रीराम स्तंभ में श्रीमद् वाल्मीकि रामायण के आधार पर चौपाइयां लिखी होंगी। जिस राज्य में यह स्तंभ स्थापित होगा उस राज्य की स्थानीय भाषा में भी चौपाइयां लिखी जाएगी।
अयोध्या में राममंदिर का निर्माणकार्य जोरों से चल रहा है। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा इसकी तस्वीरें भी साझा की जा रही हैं। जानकारी के अनुसार गर्भगृह का काम 15 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
राम मंदिर न्यास के सचिव चंपत राय ने कहा, इसमें कुछ भी गलत नहीं है, मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यकर्ता हूं और आरएसएस कभी भी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की निंदा नहीं करता।
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