चमोली हादसे को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बयान दिया है जिसमें उन्होंने बताया है कि सैलाब के बाद अब तक 203 लोग लापता है जिनकी तलाश लगातार जारी है।
ITBP देहरादून के सेक्टर हेडक्वार्टर की DIG अपर्णा कुमार ने बताया कि बड़ी टनल को 70-80 मीटर खोला गया है, जेसीबी से मलबा निकाल रहे हैं। यहां कल से 30-40 कर्मी फंसे हुए हैं।
डीजीपी अशोक कुमार ने मीडिया को बताया कि तपोवन में कल छोटी टनल से कल 12 लोगों को बचाया गया है। ग्लेशियर टूटने से रैणी पावर प्रोजेक्ट पूरा बह गया और तपोवन भी क्षतिग्रस्त हुआ। पहले प्रोजेक्ट से 32 लोग लापता हैं और दूसरे प्रोजेक्ट से 121 लोग लापता हैं।
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चमोली में आई भीषण आपदा के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो चुका है। ये ऑपरेशन पूरी रात चलता रहा और सूरज की पहली किरण के साथ ही इसमें और तेजी आ चुकी है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे में 100 से ज्यादा लोग लापता हैं।
धौली गंगा नदी का जलस्तर रविवार की रात एक बार फिर बढ़ गया। इसके चलते आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों में घबराहट पैदा हो गई। रविवार रात करीब आठ बजे अचानक धौली गंगा का जलस्तर बढ़ जाने के चलते अधिकारियों को एक परियोजना क्षेत्र में जारी राहत एवं बचाव कार्य को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।
आईटीबीपी ने इस अभियान का एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो में बचावकर्मी सुरंग से एक रस्सी के जरिये व्यक्तियों को सुरंग से बाहर निकालते हुए ‘दम लगाके हइशा’ बोलते नजर आ रहे हैं।
उत्तराखंड के चमोली ग्लेशियर हादसे पर अमेरिका और फ्रांस ने दुख प्रकट किया है। साथ ही उत्तराखंड चमोली ग्लेशियर आपदा के रेस्क्यू ऑपरेश को लेकर भारतीय वायुसेना ने कमान संभाल ली है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदादेवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के बाद केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने कहा कि जोशीमठ में धौली गंगा नदी का जल खतरनाक रूप से उच्च स्तर पर बह रहा है।
उत्तराखंड चमोली ग्लेशियर आपदा पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस हादसे पर कहा कि संडे होने की वजह से बहुत लोगों की जान बच गई।
तपोवन सुरंग में फंसे 16 लोगों को ITBP ने बचा लिया गया है। हादसे के समय तपोवन NTPC प्लांट में 100 लोग काम कर रहे थे। हालांकि, अभी राहत और बचाव काम जारी है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को एक ग्लेशियर टूटने से भयंकर तबाही हुई है। ग्लेशियर टूटने से पीपल कोटी पावर प्रोजेक्ट (Pipalkoti Hydro Electric Project (4 x 111 MW) को काफी नुकसान पहुंचा है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को एक ग्लेशियर टूटने से भयंकर तबाही हुई है। अभी तक 10 शव बरामद किए गए हैं। राहत-बचाव कार्य जारी है।
उत्तराखंड के चमोली से दुखद खबर है। यहां ग्लेशियर के टूटने के बाद अचानक बढ़े जल स्तर से ऋषि गंगा प्रोजेक्ट में कॉपर डैम टूट गया है। न्यूज एजेंसी PTI ने अधिकारियों को हवाले से जानकारी दी कि इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे करीब 150 कर्मचारी लापता हैं।
Chamoli Glacier Flood: बाढ़ से चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि नदी के बहाव में कमी आई है जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
उत्तराखंड के चमोली में कुदरत की जो तबाही है उससे हर कोई सन्न है। रात 9 बजे तक बाढ़ का पानी हरिद्वार पहुंचने की आशंका है जिसके चलते प्रशासन ने तटों को खाली कराने का आदेश दिया है।
नदियों में आई बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है और चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यनांद राय ने बतायाकि घटना स्थल पर ITBP की 2 टीमें पहुंच गई हैं। देहरादून से 2 टीमें चमोली रवाना हो गई हैं। 3 अतिरिक्त टीम IAF चॉपर के जरिए शाम तक वहां पहुंच जाएंगे। स्थानीय प्रशासन मौके पर मौजूद है।
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीएम रावत ने कहा कि चमोली के रेणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है।
उत्तराखंड के चमोली पर कुदरत का बहुत बड़ा कहर टूटा है। एक ग्लेशियर फटने के बाद ऐसी भीषण तबाही हुई है जिसका मंज़र बेहद खौफनाक है। बताया जा रहा है कि ग्लेशियर की चपेट में आने से ऋषि गंगा प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो चुका है।
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