अचानक आई तबाही के बाद से लापता घोषित किए गए श्रमिकों का एक समूह रैणी गांव में एक अस्थायी हेलीपैड पर फंसा पाया गया है। तपोवन के कुछ हिस्सों में बाढ़ आने के बाद से यह क्षेत्र शहर से कट गया है।
तपोवन प्रोजेक्ट की टनल में फंसे करीब 35 मजदूरों को जिंदा बचाने की जंग लगातार जारी है। आज रेस्क्यू ऑपरेशन का चौथा दिन है। सुरंग के अंदर से मलबा निकालने का काम लगातार जारी है।
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी (Wadia Institute of Himalayan Geology) के वैज्ञानियों (Scientists) का प्रारंभिक आकलन (initial assessment) है कि दो दिन पहले उत्तराखंड (Uttrakhand) में आकस्मिक बाढ़ (Flash Flood) झूलते ग्लेशियर (Hanging Glaciers) के ढह जाने की वजह से आई।
तपोवन टनल में फंसे मजदूरों को निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी है। आईटीबीपी ने एक बयान जारी कर रहा कि सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर टनल को साफ करने का काम जारी है जिससे अंदर फंसे मजदूरों को निकाला जा सके।
उत्तराखंड के चमोली जिले में आए जल प्रलय में मरने वालों का आंकड़ा 33 तक पहुंचा गया है। तपोवन में 93 श्रमिक अभी भी लापता हैं। इसी बीच मौसम विभाग ने चमोली में बारिश और बर्फबारी का अलर्ट दिया है जिससे स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सभी संबंधित एजेंसियां स्थिति की निगरानी कर रही हैं। ITBP के 450 जवान, NDRF की 5 टीमें, भारतीय सेना की 8 टीमें, एक नेवी टीम और 5 IAF हेलीकॉप्टर खोज और बचाव अभियान में लगे हुए हैं।
चमोली के रैणी गांव से 4 शव और बरामद किए गए हैं। एनडीआरएफ की टीम ने शवों को बरामद किया। इस शव के मिलने के बाद चमोली आपदा में मरने वालों का आंकड़ा 33 तक पहुंचा गया है।
बड़ी टनल में चल रहे ऑपरेशन को लेकर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि रणनीति बनी है कि वहां दो मशीनों से काम लिया जा सकता है ताकि जल्दी लोगों को रेस्क्यू किया जा सके।
इच्छानगर के स्थानीय लोगों ने कहा कि उनके गांव के 26 व्यक्ति तपोवन के लिए रवाना हुए थे और 18 लापता हो गए। भरमपुर में रहने वालों ने कहा कि 11 लोग न तो घर लौटे हैं और न ही उन्होंने अपने परिवार से संपर्क किया है। भोलनपुर के पांच लोगों के लापता होने की आशंका है।
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद आए सैलाब से हुई भारी तबाही के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अब तक 26 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं जबिक 180 लोग अब भी लापता हैं।
सात फरवरी को आयी आपदा में यहां पर लखीमपुर खीरी के साथ ही सहारनपुर, अमरोहा, श्रावस्ती के साथ अन्य जिलों के सैकड़ों लोगों के फंसे होने की संभावना है। इस संबंध में राहत आयुक्त उत्तर प्रदेश लगातार उत्तराखंड सरकार के साथ समन्वय कर रहे हैं। किसी भी प्रकार की जानकारी मिलने पर पीड़ित से सम्पर्क किया जा रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को इसरो के वैज्ञानिकों के हवाले से कहा कि रविवार को चमोली जिले में आपदा हिमखंड टूटने के कारण नहीं बल्कि लाखों मीट्रिक टन बर्फ के एक साथ फिसलकर नीचे आने की वजह से आई।
उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को आई विनाशकारी आपदा में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की निघासन तहसील के रहने वाले करीब 34 लोग लापता हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 'टनल में फंसे लोग को सुरक्षित निकालने के लिए प्रयास जारी हैं।' रेस्क्यू टीम टनल में फंसे कई लोगों को अभी तक सुरक्षित बाहर निकाल चुकी है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद आई आपदा के बाद अभी तक कुल 26 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। उत्तराखंड के DGP अशोक कुमार ने सोमवार रात को यह जानकारी ट्वीट कर दी।
उत्तराखंड के तपोवन में टनल में फंसी जिंदगी को बचाने की मुहिम जारी है। ढाई से तीन सौ मीटर लंबी टनल में 30 से 40 जिंदगी फंसी है, लेकिन रेस्क्यू टीम ने उम्मीद नहीं छोड़ी है, एक-एक जिंदगी को बचाने की जंग चल रही है।
तपोवन पर बड़ी टनल में फंसे 30 से 40 लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि लापता होने वाले मजदूरों में से ज्यादातर पूर्वी यूपी और बिहार से हैं।
तपोवन में बड़ी टनल से मलबे को हटाने का काम किया जा रहा है। इस टनल में 30 से 40 मजदूरों के फंसे होने की बात कही जा रही है। रविवार को हुए हादसे में 200 से ज्यादा लोग लापता है।
चमोली के डीएम स्वाति भदौरिया ने बताया कि पुल टूटने से जो 13 गांव अलग हो गए हैं उनके लिए बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है और उन्हें राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। हमारी मेडिकल टीमें भी पहुंच गई हैं।
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