चमोली के डीएम ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। कल यानी 12 सितंबर को चमोली के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छुट्टी रहेगी।
चमोली से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक दलित शख्स बीमार होने के चलते मंदिर में ढोल बजाने नहीं गया, तो दलित परिवारों का बहिष्कार कर दिया गया।
Earthquake Uttarakhand: उत्तराखंड के चमोली में रविवार देर रात आए भूकंप के चलते फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
उत्तराखंड के चमोली में ट्रांसफार्मर फटने से कई लोगों की मौत हो गई है और कई घायल हैं। घायलों को हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है।
कर्णप्रयाग के तहसीलदार सुरेंद्र देव ने कहा, "इससे 38 परिवार प्रभावित हुए हैं मकान खाली करने के बाद सभी प्रभावित परिवारों को नगर पालिका के रैन बसेरों और ITI कॉलेज की कक्षाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है।
12 किलोमीटर की सुरंग में 8 किलोमीटर ड्रिल बोरिंग और बाकी ब्लास्टिंग से बनाया जाएगा। एनटीपीसी तपोवन के चीफ जीएम आरपी अहिरवार ने ये बयान दिया है। ऐसे में सवाल फिर उठने लगे हैं कि ऐसा हालात में क्या ब्लास्ट करना सही कदम है?
जोशीमठ-मलारी हाईवे पर नीती गांव के समीप 3 किलोमीटर की पैदल दूरी पर टिम्मरसैंण गुफा स्थित है और यहां दिसंबर से मार्च माह तक गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन होते हैं। यहां बाबा बफार्नी शिवलिंग के आकार में उभरते हैं।
26 वर्षीय ममता और 27 वर्षीय कुंवर चार जुलाई से लापता थे और काफी खोजबीन के बाद भी पता न चलने पर परिजनों ने इसकी सूचना स्थानीय राजस्व पुलिस को दी थी।
ये झील हिमालय की तीन चोटियों, जिन्हें त्रिशूल जैसी दिखने की वजह से त्रिशूल के नाम से जाना जाता है, के बीच है। रूपकुंड झील को कंकालों वाली झील भी कहा जाता है, क्योंकि इसके आस पास कई कंकाल बिखरे हुए हैं।
उत्तराखंड के चमोली में तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना में काम कर रहे उत्तर प्रदेश के करीब 29 मजदूर 7 फरवरी को ग्लेशियर फटने से अचानक आई बाढ़ से लापता हो गए और कई को 'मृत' घोषित कर दिया गया।
उत्तराखंड में चीन की सीमा से लगते जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने के बाद भारी बर्फबारी हुई। इस घटना पर बॉर्डर रोड टास्क फोर्स के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि भारत-चीन सीमा के पास उत्तराखंड के जोशीमठ के नजदीक एक ग्लेशियर फट गया है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में 10 दिन पहले आई विकराल बाढ़ के बाद तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे कर्मियों को सुरक्षित बाहर निकालने की हर क्षण के साथ और धूमिल होती उम्मीदों के बीच कीचड़ से भरी इस सुरंग में बचाव कार्य लगातार जारी है।
उत्तराखंड के चमोली में आपदा आने के बाद एनटीपीसी के प्रोजेक्ट को भी क्षति हुई। वहीं, एनटीपीसी के कर्मचारी भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए चल रहे अभियान में एनटीपीसी, सीआईएसएफ, यूपीएनएल सहित विभिन्न संस्थाओं के 325 इंजीनियर, अधिकारी और वैज्ञानिक जुटे हुए हैं।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और AAP विधायक राघव चड्ढा ने ट्विटर पर कहा कि 8,000 NTU के "अभूतपूर्व स्तर" से गंदगी ( turbidity in raw water fetched by Delhi from Upper Ganga Canal) बढ़ गई है। अधिकारियों के अनुसार, normal seasonal concentration 100 NTU से कम है।
ग्लेशियर फटने के पीछे भूकंप जैसी वजह के बारे में पूछे जाने पर कलाचंद साईं ने कहा, ''भूमि के कंपन से भूस्खलन होता है, लेकिन हालिया घटना को भूकंप से जोड़कर नहीं देखा जा रहा है कि हालांकि हम इसके सभी कारकों का अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन इसके पीछे बहरहाल अत्यधिक बर्फबारी, नीचे रॉकमास का कमजोर होना और हैंगिंग ग्लेशियर जैसे एक साथ कई कारकों को देखा जा रहा है।''
उत्तराखंड में चमोली जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव अभियान के आठवें दिन रविवार को 12 और शव मिलने से बाढ़ में मरने वालों की संख्या 50 हो गई है।
उत्तराखंड के चमोली ज़िले की तपोवन टनल में बचाव कार्य जारी है। अब तक 48 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं।
Chamoli News: तपोवन में NTPC के पावर प्रोजेक्ट की टनल में अभी तक बचाव कार्य जारी है। यहां एक टनल में 35 से 40 लोगों के फंसे हुए होने की संभावना है। आज रात इस टनल में से 3 शवों को बरामद किया गया है, जिसके बाद इस टनल में अब लोगों के जिंदा मिलने की संभावना बेहद कम है।
BRO के अधिकारी कर्नल ब्रिजेंद्र एस सोनी ने मीडिया को बातचीत में बताया कि हम यहां पर सबसे पहले बेली ब्रिज बना सकते हैं। बाद में हम चमोली में कनेक्टिविटी के लिए स्थायी पुल बनाएंगे।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि तपोवन की बड़ी टनल में से मलबे को हटाया जा रहा है। इसके 71 मीटर नीचे एक छोटी टनल है जिसमें ड्रिलिंग का काम कल किया जा रहा था। तब NTPC की तरफ से जानकारी मिली कि वहां मलबा है लेकिन वहां पैशर हाई नहीं है तो अब वहां 1 फूट तक ड्रिलिंग की जाएगी।
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