महाअष्टमी के दिन आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए कुमारिका भोजन के बारे में। निर्णयसिंधु और दुर्गार्चन पद्धति में कुमारिका भोजन का विधान बताया गया है।
चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा की आठवीं शक्ति माता महागौरी की उपासना की जाएगी। इनका रंग पूर्णतः गोरा होने के कारण इन्हें महागौरी कहा जाता है।
हर घर में आजकल देवी को प्रसाद चढ़ाया जाता है लेकिन इस प्रसाद को क्या करना चाहिये खाना चाहिये, फेकना चाहिए।
आज के दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा की जायेगी। जानिए पूजा विधि, मंत्र और भोग।
आज चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि और दिन रविवार है। षष्ठी तिथि आज रात 10 बजकर 35 मिनट तक रहेगी। आज चैत्र नवरात्र का छठा दिन है। इस दिन देवी दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी की उपासना की जायेगी।
नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता के निमित कुछ उपाय करके कैसे अपने जीवन में चल रही समस्याओं का निवारण कर सकते है। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
नवरात्रि के पांचवें मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप यानि मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है।
माता कुष्मांडा की अपनी स्तुति है और धन प्राप्ति के अनेक मन्त्र हैं लेकिन अगर धन पाना ही उद्देश्य है तो आज माता महालक्ष्मी के मन्त्र का जप करना बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा।
नवरात्र का चौथे दिन देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्माण्डा की उपासना की जाएगी। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि।
मां चंद्रघंटा के मंत्र का जप किया जाये तो सभी परेशानियों के साथ ही साधक को शुक्र ग्रह से संबंधी परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है। क्योंकि शुक्र ग्रह पर मां चंद्रघंटा का आधिपत्य रहता है।
चैत्र तृतीया तिथि यानि चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा की तीसरी शक्ति मां चंद्रघंटा की उपासना की जायेगी। जानिए पूजा विधि और मंत्र।
नौ दिन के व्रत काफी कठोर होते हैं, इस दौरान अन्न का सेवन ने करने से शरीर में कमजोरी आती है और इसलिए व्रत में कुछ ऐसा भी खाना चाहिए जो शरीर को ताकत दे।
नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली। ब्रह्मचारिणी का अर्थ है तप का आचरण करने वाली। मां के इस स्वरूप की पूजा करने से तप, त्याग, सदाचार, संयम आदि की वृद्धि होती है |
नवरात्र के दौरान अधिकतर लोग अखंड ज्योति की स्थापना करते हैं और इसकी स्थापना के लिये वास्तु शास्त्र का खास ध्यान रखना पड़ता है | वास्तु शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योति की स्थापना के लिये आग्नेय कोण, यानि दक्षिण-पूर्व दिशा का चुनाव करना सबसे अच्छा माना जाता है. इस दिशा में अखंड ज्योति की स्थापना करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है |
चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जायेगी| सफेद वस्त्र धारण किये हुए मां ब्रह्मचारिणी के दो हाथों में से दाहिने हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमंडल है।
चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि और बुधवार का दिन है। द्वितिया तिथि दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगी। उसके बाद तृतीया तिथि शुरू हो जाएगी। जानिए बुधवार का पंचांग।
नवरात्रि के पहले दिन देवी मां के निमित्त घट स्थापना या कलश स्थापना की जाती है। नवरात्रि के दिनों में कुछ नियमों का पालन करना बहुत ही जरूरी माना जाता है।
चैत्र और अश्विन माह के नवरात्रों को ही प्रमुखता से मनाया जाता है। बाकी दो नवरात्रि को तंत्र-मंत्र की साधना हेतु करने का विधान है।
चैत्र शुक्ल पक्ष की उदया तिथि प्रतिपदा और दिन मंगलवार है। प्रतिपदा तिथि सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से राशिनुसार कैसा बीतेगा आपका दिन।
चैत्र शुक्ल पक्ष की उदया तिथि प्रतिपदा और दिन मंगलवार है | प्रतिपदा तिथि सुबह 10 बजकर 17 मिनट तक रहेगी, उसके बाद द्वितीया तिथि लग जाएगी। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए मंगलवार का पंचांग
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