Chabahar Port News : चाबहार न केवल भारत का निकटतम ईरानी बंदरगाह है बल्कि समुद्री परिवहन की दृष्टि से भी यह एक शानदार बंदरगाह है। भारत क्षेत्रीय व्यापार खासकर अफगानिस्तान से संपर्क बढ़ाने के लिए चाबहार बंदरगाह परियोजना पर जोर दे रहा है।
अमेरिका ने कहा है कि ईरान के साथ व्यापारिक समझौते करने वाले किसी भी देश पर प्रतिबंधों का खतरा है। बता दें कि भारत-ईरान ने हाल ही में चाबाहार बंदरगाह को लेकर एक डील की है।
भारत ने चीन और पाकिस्तान को जवाब देने के लिए ईरान के साथ चाबहार पोर्ट के संचालन को लेकर बड़ा समझौता किया है। समझौते के मुताबिक अब इसका संचालन लंबे समय तक भारत के पास रहेगा। यह व्यापार और रणनीतिक रूप से भारत के लिए अहम समझौता है।
चाबहार बंदरगाह भारत और ईरान के बीच महत्वपूर्ण कड़ी है। भारत और ईरान के बीच इस बंदरगाह को लेकर अहम समझौता होने जा रहा है। भारत और ईरान के बीच इस डील से नया ट्रेड रूट भी खुल जाएगा।
पहले पाकिस्तान के रास्ते गेहूं भेजा था, लेकिन इस बार कंगाल पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए भारत ने अपने दोस्त ईरान के रास्ते अफगानिस्तान को भेजकर अपना गेहूं भेजने का वादा पूरा किया है।
अफगानिस्तान के महा वाणिज्यदूत ने अफगान लोगों के लिए मानवीय सहायता तथा अफगान व्यापारियों के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करने के लिए चाबहार बंदरगाह के महत्व पर जोर दिया। ईरान के दक्षिणी तटीय क्षेत्र में सिस्तान-बलोचिस्तन प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह का विकास भारत और ईरान मिलकर कर रहे हैं।
Chabahar Port: ग्वादर और चाबहार के बीच करीब 172 किलोमीटर की दूरी है और एक बंदरगाह से दूसरे तक पहंचने में 5 से 6 घंटे का वक्त लग सकता है। दोनों ही बंदरगाह काफी बड़े हैं लेकिन उनकी भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वे दक्षिण एशिया में रणनीतिक संतुलन बना या बिगाड़ सकते हैं।
Chabahar Port: चाबहार पोर्ट को भारत की मदद से ही विकसित किया गया है और यह मध्य एशिया में कमर्शियल आवागमन का केंद्र है। भारत ईरान सरकार के साथ मिलकर चाबहार पोर्ट में एक टर्मिनल के विकास में भी मदद दे रहा है।
भारत में ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने यह भी कहा है कि भारत की तरफ से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव को कम करने के लिए अगर कोई पहल की जाती है तो ईरान उसका स्वागत करेगा
अधिकारी ने आगे कहा कि जबतक इस निर्माण में ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स संलिप्त नहीं होती है, प्रतिबंधों से छूट आगे भी दी जाती रहेगी।
भारत और ईरान ने सामरिक चाबहार बंदरगाह के पूर्ण रूप से चालू होने की प्रगति समेत वर्तमान संपर्क एवं बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं की सोमवार को समीक्षा की।
ईरान के अशांत दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चाबहार में बृहस्पतिवार की सुबह एक पुलिस मुख्यालय पर आत्मघाती कार बम हमले में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई।
भारत को ईरान में चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए मिली छूट अगस्त महीने में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा दक्षिण एशियाई रणनीति से प्रेरित है। इसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान में शांति और विकास की वापसी में भारत की बड़ी भूमिका है।
ईरान के सड़क एवं शहरी विकास मंत्री अब्बास अखोंदी ने कहा कि अंतरिम समझौते के तहत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह परिचालन के लिए एक महीने के भीतर भारतीय कंपनी को सौंप दिया जाएगा।
अमेरिका में भारत के राजदूत ने भरोसा जताया है कि अमेरिका द्वारा रूस और ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों के दो बड़े मुद्दों से भारत-अमेरिका संबंधों में आई दरारों को जल्द सुलझा लिया जाएगा.....
ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत तट का यह बंदरगाह भारत के पश्चिमी तट से नजदीक है और आसानी से संपर्क के योग्य है।
बयान में कहा गया है कि साथ ही, चाबहार में शीघ्र सभी साझेदारों को शामिल करते हुए संपर्क कार्यक्रम का आयोजन करने की बात भी दोहराई गई ताकि चाबहार बंदरगाह द्वारा प्रदान की जानेवाली नई संभावनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। तीनों देशों के मंत्रियों
नितिन गडकरी ने आज कहा कि ईरान में रणनीतिक चाबहार बंदरगाह का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। भारत ने ईरान में पहले ही एक वैश्विक कंपनी का गठन किया है।
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