पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने संवेदनशील इलाकों में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राज्य में केंद्रीय बलों की लगभग 400 कंपनियों की तैनाती को बढ़ाने का फैसला किया है।
लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल फूंका जा चुका है। 7 चरणों में होने वाले चुनाव के लिए 19 अप्रैल को पहली वोटिंग होगी। इस बीच पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने बड़ी मांग की है।
सीएम बीरेन सिंह ने केंद्रीय सुरक्षा बलों से कहा है कि वे राज्य में कोई भी अभियान चलाने से पहले राज्य सरकार को सूचित करें।
मणिपुर में इंफाल के पश्चिमी और पूर्वी इलाकों के साथ बिष्णुपुर, थौबव और काकचिंग जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में सुरक्षा बलों ने 4 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा सरकार पर मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए केंद्रीय बलों का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें आशंका है कि भाजपा एवं आरएसएस के कार्यकर्ता चुनाव कराने के लिए बलों की वर्दी पहन राज्य में प्रवेश कर रहे हैं।
लोकसभा चुनावों के दौरान पश्चिम बंगाल से आ रही हिंसा की खबरों ने पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचा है।
मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा, बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए उनके द्वारा उठाए गए साहसिक कदमों को हमने प्रत्यक्ष तौर पर देखा।
पश्चिम बंगाल सरकार से दार्जिलिंग में बलों की तैनाती को लेकर जारी खींचतान के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा कि अर्धसैनिक बल राज्य पुलिस की जगह नहीं ले सकते और उन्हें सिर्फ आपातकालीन स्थिति में तैनात करना चाहिये।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि उनका लक्ष्य ड्यूटी के दौरान मारे गए केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के परिवारों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक राहत देने का है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को हथियार खरीद में प्राथमिकता नहीं मिलती है, क्योंकि इसकी खरीद रक्षा मंत्रालय द्वारा की जाती है, जबकि वे खुद के हथियार और उपकरणों की खरीदारी करने में सक्षम हैं।
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