बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने शुक्रवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाति आधारित जनगणना का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाने के लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गए हैं।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार सरकार से कहा कि अगर केंद्र अपना रुख स्पष्ट नहीं करता तो राज्य सरकार अपने स्तर पर जाति आधारित जनगणना करवाए।
दरअसल लोकसभा सांसदों अपराजिता सारंगी, अनुमुला रेवंत रेड्डी, सुनील कुमार मंडल और माला राय द्वारा गृह मंत्री से सवाल किया गया था कि क्या सरकार जनगणना 2021 के आंकड़े एकत्र करने शुरू कर दिया है
केंद्र सरकार द्वारा संसद में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जातीय जनगणना नहीं कराने की बात स्पष्ट किए जाने के बावजूद नीतीश ने शनिवार को जाति आधारित जनगणना की मांग फिर दोहराई।
राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने ओबीसी जनगणना की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जब जानवरों और पेड़ों की गणना हो सकती है तो फिर ओबीसी की जनगणना क्यों नहीं हो सकती?
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने समिति से कहा कि 2021 की जनगणना के पहले चरण का जमीनी कामकाज 2021-22 के दौरान किया जाएगा। इसकी समयसीमा अभी तक निर्धारित नहीं की गई है।
भारत की 2018 बाघ गणना ने कैमरा ट्रैपिंग के जरिये दुनिया का सबसे बड़ा वन्यजीव सर्वेक्षण का कीर्तिमान बनाने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बनाई है।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अद्यतन और 2021 के जनगणना के पहले चरण का कार्य तय समय-सारिणी पर नहीं शुरू होगा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए 21 दिन की बंद की घोषणा की है।
बिहार विधानसभा में आज ये प्रस्ताव रखा गया कि केंद्र सरकार 2021 की जनगणना में जातीय जनगणना को भी शामिल करे और इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
बिहार विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को जाति आधारित जनगणना कराने के पक्ष में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रारंभ से ही जाति आधारित जनगणना कराने की वकालत करते रहे हैं।
हरियाणा में 2021 की जनगणना का पहला चरण एक मई से 15 जून के बीच पूरा किया जाएगा और लगभग 58,000 सर्वेक्षण करने वालों और पर्यवेक्षकों को आंकड़े एकत्रित करने के लिए तैनात किया जाएगा।
केंद्रीय सरकार जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने जा रही है। आम तौर पर कई बार जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को एक जैसा ही मान लिया जाता है लेकिन ऐसा है नहीं। तो चलिए NPR और जनगणना के बीच का अंतर, इनके उद्देश्य और विशेषताओं के बारे में जानते हैं।
2021 की जनगणना 1 अप्रैल 2020 से शुरू हो सकती है। केंद्र सरकार 2021 की जनगणना और नेशनल पापुलेशन रजिस्टर को अपडेट करने का फैसला लेने की तैयारी में है।
गृह मंत्रालय ने आज कहा कि 2021 की जनगणना में पहली बार अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) से संबंधित आंकड़े एकत्रित किये जाएंगे। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि जनगणना 2021 को तीन साल में पूरा कर लिया जाएगा।
पाकिस्तान की जनगणना के मुताबिक इस समय देश में 10,418 ट्रांसजेंडर्स हैं। जानें, अब पाकिस्तान की कुल आबादी कितनी है...
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