अगले साल से शुरू होने वाली जनगणना (Census 2025) को लेकर अभी से लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। 13 साल बाद देश में जनगणना होने वाली है। इस बार की ये जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी।
भारत में जनगणना अगले साल शुरू होगी। इस बार होने वाली जनगणना में सरकार आपसे आपका संप्रदाय भी पूछ सकती है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही कई बड़े फैसलों का ऐलान कर सकती है। जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार जल्द ही जनगणना शुरू कर सकती है। इसके साथ ही एक राष्ट्र-एक चुनाव पर भी मोदी सरकार ने बड़ी तैयारी की है।
बीते लोकसभा चुनाव से पहले से ही विपक्षी दलों द्वारा देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग की जा रही है। अब ये मुद्दा और चर्चा का विषय बन गया है। हाल ही में ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि जातिगत जनगणना किसे पहुंचाएगी नुकसान और इससे किसे हो सकता है फायदा।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए सवालों की झड़ी लगाई है। मायावती ने राहुल गांधी के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए जनता दल (यू) नेता ने जातिगत जनगणना के खिलाफ सभी तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि इसकी मांग न केवल बिहार बल्कि कई राज्यों से आ रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में राज्य की 10 पार्टियों के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर, 2019 को भारत की जनगणना 2021 की प्रक्रिया शुरू करने एवं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने की मंजूरी दी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने समिति से कहा कि 2021 की जनगणना के पहले चरण का जमीनी कामकाज 2021-22 के दौरान किया जाएगा। इसकी समयसीमा अभी तक निर्धारित नहीं की गई है।
देश में किस जाति के कितने प्रतिशत लोग रहते हैं, यह पता लगाने के लिए देश में जातीय आधारित जनगणना होनी चाहिए। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने शुक्रवार को राज्यसभा में यह मांग उठाई।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अद्यतन और 2021 के जनगणना के पहले चरण का कार्य तय समय-सारिणी पर नहीं शुरू होगा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए 21 दिन की बंद की घोषणा की है।
हरियाणा में 2021 की जनगणना का पहला चरण एक मई से 15 जून के बीच पूरा किया जाएगा और लगभग 58,000 सर्वेक्षण करने वालों और पर्यवेक्षकों को आंकड़े एकत्रित करने के लिए तैनात किया जाएगा।
देशभर में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर), राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनआरसी) पर छिड़ी बहस के बीच आम बजट 2020-21 में जनसंख्या, सर्वेक्षण एवं सांख्यिकी और भारत के महारजिस्ट्रार विभाग का कुल बजट आवंटन करीब 700 प्रतिशत बढ़ाया गया है।
केंद्रीय सरकार जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने जा रही है। आम तौर पर कई बार जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को एक जैसा ही मान लिया जाता है लेकिन ऐसा है नहीं। तो चलिए NPR और जनगणना के बीच का अंतर, इनके उद्देश्य और विशेषताओं के बारे में जानते हैं।
देश में 16वीं जनगणना शुरू होने जा रही है, मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने 16वीं जनगणना को मंजूरी दे दी है।
पहली बार एनपीआर 2011 की जनगणना के दौरान तैयार किया गया था। 2021 की जनगणना के लिए इसे अपडेट किया जाना है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 2021 में होने वाली जनगणना के दौरान एक देश एक पहचान पत्र के सुझाव का प्रस्ताव दिया है।
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