लोकसभा चुनाव के अलावा 2019 में जम्मू कश्मीर, ओडिशा, महाराष्ट्र, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम में होने वाले विधानसभा चुनाव भी उनके ही कार्यकाल के दौरान संपन्न होंगे।
वरिष्ठ नौकरशाह सुनील अरोड़ा ने भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में अपना पदभार संभाल लिया है।
तेलंगाना के लिए चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करने के बाद से चुनाव आयोग का यह पहला दौरा है जो राज्य के चुनाव तैयारियों की समीक्षा के सिलसिले में है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी.रावत ने आज कहा कि इस साल के अंत में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं मिजोरम में होने वाले चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष कराने के लिए ‘सिटिजन विजिलेंस मोबाइल एप’ का उपयोग किया जाएगा।
रावत ने कहा कि कुछ दलों का कहना था कि मतपत्र पर वापस लौटना अच्छा नहीं होगा, क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि ‘बूथ कैप्चरिंग’ का दौर वापस आए।
चुनाव आयोग ने 10 दिन में दूसरी बार एक राष्ट्र-एक चुनाव की संभावनाओं को खारिज कर दिया है।
इंडिया टीवी संवाददाता आशीष सिंह से खास बातचीत में CEC ने कहा कि वो चाहें तो कोर्ट जा सकते हैं। उस व्यवस्था में उन्हें पूरा विश्वास होता है इसलिए काम करते हैं, इसके बाद भी अगर कोई शिकायत है तो उसके लिए वो जा सकते हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के मध्य प्रदेश कैडर के 1977 बैच के अधिकारी रावत उत्तर प्रदेश झांसी के रहने वाले हैं...
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची की वकालत करने पर...
रावत 23 जनवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार संभालेंगे...
"निर्वाचन प्रक्रिया के स्वतंत्र व निष्पक्ष होने में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक निर्वाचन क्षेत्र में अपराधियों की भूमिका है। इसलिए हमने सिफारिश की है कि जिनके खिलाफ जघन्य अपराधों हत्या, दुष्कर्म, अपहरण आदि जैसे मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं
मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने शनिवार को कहा कि भारत में मतदाताओं की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में चुनाव सुधार के लिए अनिवार्य मतदान व्यवस्था व्यवहार्य नहीं है।
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