कर्नाटक के DGP प्रवीण सूद को CBI का नया डायरेक्टर बनाया गया है। आज उन्होंने अपना पदभार संभाला। 1986 बैच के IPS अधिकारी प्रवीण सूद दो साल तक इस पद पर रहेंगे।
Subodh Jaiswal Appointment: मुंबई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली पीठ ने CBI निदेशक सुबोध जायसवाल की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।
मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने ‘फोन टैपिंग और आंकड़े लीक’ होने के मामले के संबंध में शनिवार को महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के निदेशक सुबोध जायसवाल को सम्मन भेजा। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ कथित रूप से पद के दुरुपयोग और संबंधित सेवा नियमों का उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।
सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्विनी कुमार की मृत्यु 7. अक्टूबर को आत्महत्या से हुई थी। उन्हें शिमला में अपने घर पर फांसी पर लटका पाया गया था। उनके द्वारा छोड़ा गया एक पेज का सुसाइड नोट और उनके मेडिकल पर्चे पास में ही उनकी आत्महत्या के पीछे की कहानी बताते हैं, जिससे उनके परिवार और कई अन्य लोग सदमे में हैं।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ‘‘CBI निदेशक की नियुक्ति और स्थानांतरण को देखने वाली प्रधानमंत्री, भारत के प्रधान न्यायाधीश और विपक्ष के नेता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति में एकमात्र चीज जो लगातार स्थिर बनी हुई है वह है खड़गे की असहमति।’’
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पसंदीदा अधिकारियों को तवज्जो देने की ‘‘गलत मंशा’’ से सीबीआई प्रमुख के चयन के मानदंडों में ‘‘हेरफेर’’ करने की कोशिश की।
ऋषि कुमार शुक्ला सीबीआई के नए डायरेक्टर नियुक्त किये गए
केंद्र सरकार ने सीबीआई के नए डायरेक्टर के तौर पर ऋषि कुमार शुक्ला का नाम तय किया है। शुक्ला 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
सीबीआई में शीर्ष पद को लेकर मचे घमासान के बीच सरकार ने नई नियुक्तियों की घोषणा की है।
सीबीआई का अगला प्रमुख कौन होगा इसको लेकर संशय बरकरार है क्योंकि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति की दूसरी बैठक में इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह अंतरिम सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के ‘खिलाफ’ नहीं है परंतु केन्द्र को ‘तत्काल’ केन्द्रीय जांच ब्यूरो के नियमित निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति देश की अग्रणी जांच एजेंसी सीबीआई के निदेशक पर फैसला करने के लिए शुक्रवार को यहां बैठक करेगी।
अगले सीबीआई प्रमुख के नाम पर फैसला करने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति की बृहस्पतिवार को हुई बैठक बेनतीजा रही।
शायद ये पहला मौका है जब देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के मुखिया का चुनाव सुर्खियां बनी है। ये पहला मौका है जब सीबीआई के डायरेक्टर के चुनाव पर पूरे देश की नजर है और इसकी वजह हैं आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1979 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम एवं केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के अधिकारी वर्मा का तबादला महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा के पद पर कर दिया गया था।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई निदेशक पद की दौड़ में 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी और मुंबई पुलिस आयुक्त सुबोध कुमार जायसवाल, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख वाई.सी. मोदी आगे चल रहे हैं।
खड़गे ने वर्मा को हटाए जाने का विरोध किया था और उनका कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी।
आलोक वर्मा को CBI निदेशक पद से हटाए जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
कार्यकाल ख़त्म होने के 21 दिन पहले आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाकर सिविल डिफेंस, फायर सर्विसेस और होम गार्ड विभाग का महानिदेशक बना दिया गया है जबकि नागेश्वर राव दोबारा सीबीआई के अंतरिम निदेशक बना दिए गए हैं।
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