सीबीडीटी ने कहा कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल आईटीआर फॉर्म्स फाइल करने के तरीके में भी कोई विशेष बदलाव नहीं किया गया है।
अगर आपने 31 मार्च तक यह काम नहीं किया, तो आपका पैन कार्ड बेकार हो सकता है और ऐसा न करने के लिए आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
कालेधन का पता लगाने के लिए मोदी सरकार ने ऐसा तरीका निकाला है जिससे आपकी करोड़ों की लौटरी लग सकती है। जी हां, आपने सही सुना। अगर आप किसी भी कालेधन रखने वाले की जानकारी सरकार को देते हैं तो आपको सरकार इनाम के रूप में पांच करोड़ रुपए देगी।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ट्वीट कर बताया कि सीबीडीटी ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 119 के तहत 11 जनवरी को एक आदेश पारित कर धारा 44एबी के तहत ऑडिट रिपोर्ट को फाइल करने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है।
कर विभाग के विभिन्न जांच निदेशालयों में एक नई इकाई के रूप में एफएआईयू का गठन किया गया है। इसका मकसद विदेशों में भारतीयों द्वारा रखी गई अघोषित संपत्ति और काले धन से जुड़े मामलों पर ध्यान देना है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया था कि वह 14 दिसंबर तक 1.02 करोड़ से अधिक करदाताओं को 1.48 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड कर चुका है।
कोविड-19 के दौर में करदाताओं को राहत देने के लिए सरकार मई के बाद से बार-बार आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे खिसका रही है।
मुख्यमंत्री ने परिवहन मंत्री रजिया सुल्ताना को निजी मिनी बस मालिकों से जुड़ी चिंताएं अगले हफ्ते तक सुलझाने का भी निर्देश दिया।
केंद्र सरकार के अलावा अन्य सभी कर्मचारियों को एलटीसी किराये के बराबर किए जाने वाले नगद भुगतान पर आयकर छूट प्रदान की जाएगी। गैर-केंद्र सरकार कर्मचारियों में राज्य सरकारों, पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज, बैंक और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी शामिल होते हैं।
राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) और निजी क्षेत्र (प्राइवेट सेक्टर) के कर्मचारियों को भी लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) कैश वाउचर स्कीम के तहत इनकम टैक्स (आयकर) में छूट का लाभ मिलेगा।
स्कीम के लिए अंतिम तारीख को 3 महीने बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया है। पहले इस स्कीम की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2020 की थी, हालांकि अब ये तारीख बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दी गई है। इस स्कीम के तहत करदाता कोई भी अतिरिक्त भुगतान के बिना अपने पुराने टैक्स विवाद का निपटारा कर सकता है।
आयकर सर्वे के लिए अधिकारी करदाताओं के ठिकानों पर जा कर उनके लेखा खातों, इलेक्ट्रानिक साधनों में रखी गई सूचनाओं को खंगालते हैं। सीबीडीटी के अनुसार यह कदम तभी उठाया जाना चाहिये जब ब्योरा हासिल करने, आनलाइन रिकवरी जैसे अन्य सभी तरीके अपनाये जा चुके हों और उनसे कुछ हासिल नहीं हो सका।
सीबीडीटी ने ट्विटर पर लिखा है कि सीबीडीटी ने एक अप्रैल से 13 अक्टूबर के बीच 38.11 लाख करदाताओं को 1,23,474 करोड़ रुपए के रिफंड जारी किए।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक ट्वीट में कहा कि सीबीडीटी ने 1 अप्रैल से 6 अक्टूबर के बीच 35.93 लाख से अधिक करदाताओं को 1,21,607 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया है।
आयकर विभाग ने आज एक बार फिर से कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की तारीख 30 नवंबर कर दी गई है।
आयकर विभाग ने बुधवार को कहा है कि उसने एक अप्रैल से लेकर आठ सितंबर 2020 के बीच 27.55 लाख करदाताओं को 1.01 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है।
सीबीडीटी ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि 1 जनवरी 2020 के बाद से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान पर अगर कोई शुल्क लगाया गया तो तुरंत उसे ग्राहकों को वापस किया जाए। सीबीडीटी ने निर्देश दिए हैं कि बैंक आगे इन इलेक्ट्रॉनिक मोड से ट्रांजेक्शन पर शुल्क नहीं लेगें।
जानकारी मिली है कि कुछ बैंक यूपीआई के माध्यम से किए गए लेन-देन पर शुल्क लगा रहे हैं। वे एक निश्चित सीमा तक नि:शुल्क लेन-देन की सुविधा दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद शुल्क वसूल रहे हैं।
आयकर विभाग उस जानकारी के आधार पर यह जांच करता है कि अमुक व्यक्ति ने अपना कर सही से चुकाया है या नहीं। इस जानकारी का उपयोग ईमानदार करदाताओं की जांच के लिए नहीं होता।
कर मामलों में बिना आमना सामना के अपील (फेसलेस अपील) की सुविधा 25 सितंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी।
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