बीजेपी नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सूबे में धान की ‘धीमी’ खरीद को लेकर भगवंत मान सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वह इस मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की अपील करेंगे।
BJP: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेसी नेता रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह सोमवार को बीजेपी का दामन थाम लिया। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किरण रिजिजू की उपस्थिति में कैप्टन को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलाई गई
कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू दोनों के बीच यह लड़ाई पहले से ही देश में कमजोर हो रही कांग्रेस के लिए गर्त में जाने के समान रही। कांग्रेस को पंजाब में बड़ी हार का सामना करना पड़ा।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि 'पाकिस्तान से मुझे मैसेज आया कि प्रधानमंत्री ने एक निवेदन किया है कि अगर आप नवजोत सिंह सिद्धू को अपने मंत्रीमंडल में रखना चाहते हैं तो मैं इसका आभारी रहूंगा वे हमारे पुराने मित्र है। लेकिन अगर वे काम न करें तो उन्हें निकाल देना।'
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के साथ सत्ता संघर्ष के बाद सितंबर में पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह किसान आंदोलन की शुरुआत से ही इसके समर्थन में खड़े रहे हैं। अमरिंदर सिंह ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए कई बार पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
राहुल गांधी ने 26 अक्टूबर को अमरिंदर के करीबियों से मुलाकात की थी जिनमें साधु सिंह धर्मसोत, बलबीर सिंह सिधु, सुंदर श्याम अरोड़ा और राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी शामिल हैं।
सिद्धू ने पूर्व मुख्यमंत्री को ‘जयचंद’ करार देते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री के तौर पर भारतीय जनता पार्टी तथा अकाली दल के साथ मिले हुए थे।
रंधावा ने दावा किया कि सिंह की लंबे समय से आलम के साथ मित्रता रही है और वह कई वर्षों तक भारत में रहीं और केंद्र सरकार ने समय-समय पर उनके वीजा को बढ़ाया।
कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने कहा कि विधायक पहले से ही कह रहे थे कि अमरिंदर सिंह बीजेपी और अकालियों के साथ मिले हुए हैं और अब यह बात साबित हो गई है।
रावत ने कहा, मैं बीजेपी की केंद्र सरकार को चेतावनी देता हूं कि पंजाब की बहुमत की सरकार को गिराने की कोशिश न करें।
वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा, करोड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता इस तरह की हरकतों के कारण पीड़ा महसूस कर रहे हैं।
अमरिंदर सिंह कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया है। इस फैसले को और मजबूत बनाते हुए उन्होंने अपने ट्विटर बायो से कांग्रेस भी हटा दिया है।
अमरिंदर सिंह ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के घर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हमले की निंदा करते हुए कहा कि सिब्बल पर इसलिए हमला हुआ क्योंकि उन्होंने कांग्रेस के लिए चिंता जताई थी और ऐसी बातें सामने रखी जो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को पसंद नहीं हैं।
सुरजेवाला ने आरोप लगाया, दलित विरोधी राजनीति का केंद्र और कहीं नहीं, अमित शाह जी का निवास बना हुआ है।
कैप्टन ने कहा था कि उन्हें अपमानित होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने नवजोत सिद्धू पर बड़ा हमला किया था। सिद्धू को एंटी नेशनल बताते हुए ऐलान कर दिया कि वो उन्हें पंजाब का CM नहीं बनने देंगे।
सूत्रों का कहना है कि अगर सिद्धू इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो कांग्रेस भी संभावित विकल्प की तलाश कर रही है। सूत्रों ने कहा कि महासचिव और पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत सभी वरिष्ठ नेताओं से बात कर रहे हैं और खुद को दिल्ली में एक अज्ञात स्थान पर रखा है।
बता दें कि 73 दिन पहले पंजाब कांग्रेस की कमान संभालने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने चार लाइन का इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा दिया। सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में सिद्धू ने कहा है कि वो पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकते इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं।
सिद्धू को कांग्रेस पार्टी ने करीब 2 महीने पहले यानि जुलाई में ही पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था। सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखे अपने त्यागपत्र में लिखा है कि वे अपने चरित्र के साथ समझौता नहीं कर सकते और समझौता करने से व्यक्ति की प्रतिष्ठा खत्म हो जाती है।
कांग्रेस पार्टी ने जुलाई में नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त करने की घोषणा की थी। सिद्धू के बनने के बाद पंजाब कांग्रेस और पंजाब सरकार में भारी उथल पुथल हुई थी, यहां तक की सिद्धू के विरोध की वजह से कांग्रेस पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था।
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