विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले आठ कारोबारी सत्रों में भारतीय पूंजी बाजार में 8,500 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई में भारतीय पूंजी बाजार में 2,300 करोड़ रुपए डाले। इससे पिछले तीन महीनों के दौरान उन्होंने भारतीय पूंजी बाजारों से निकासी की थी।
सरकार की ओर से अतिरिक्त पूंजी मिलने और फंसे कर्जों के मोर्चे पर सुधार से देश की बैंकिंग प्रणाली प्रणाली कुछ सालों में मजबूत हो जायेगी। वैश्विक रेटिंग एजेंसी एस एंड पी (S&P) ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है।
वित्त मंत्रालय ने आज पीएनबी, कॉरपोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक सहित 5 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 11,336 करोड़ रुपए की पूंजी निवेश को मंजूरी दे दी है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में भारतीय पूंजी बाजारों में 3,000 करोड़ रुपए का निवेश किया। इससे पहले अप्रैल-जून के दौरान उन्होंने पूंजी बाजारों से भारी निकासी की थी। ताजा निवेश से पहले पिछले तीन माह के दौरान एफपीआई ने पूंजी बाजारों से 61,000 करोड़ रुपए से अधिक निकाले हैं।
भारतीय रियल एस्टेट में वर्ष 2017 में 2.6 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया। नाईट फ्रैंक की एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई। नाईट फ्रैंक के भारत के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल के अनुसार, 2017 में साल-दर-साल आधार पर इस क्षेत्र में विदेशी पूंजी प्रवाह में 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बुराड़ी इलाके के संतनगर में सोमवार सुबह एक कथित गैंगवार में 3 लोगों की मौत हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो गुटों के बीच कम से कम 10 राउंड फायरिंग हुई। इस घटना में 5 लोगों के घायल होने की भी खबर है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से 5,500 करोड़ रुपए की निकासी की है। वैश्विक व्यापार युद्ध को लेकर चिंता तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के संकेतों से विदेशी निवेशक निकासी कर रहे हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों को हुए घाटे से सरकार का इन बैंकों में किया गया करीब 13 अरब डॉलर का पूंजी निवेश एक तरह से बेकार हो गया और चालू वित्त वर्ष में भी इस स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं है।
विदेशी निवेशकों ने घरेलू पूंजी बाजार से इस महीने अब तक चार अरब डॉलर (26,700 करोड़ रुपए से अधिक) की भारी निकासी की है। इसका मुख्य कारण कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी है। इससे पहले विदेशी निवेशकों ने अप्रैल महीने में घरेलू पूंजी बाजार (इक्विटी और डेट) से 15,500 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की थी।
शख्स समाज में गैंगरीन जैसे रोग की तरह है। जिस तरह चिकित्सक द्वारा किसी रोगी के शरीर के गैंगरीन प्रभावित हिस्से को ऑपरेशन के जरिये अलग कर दिया जाता है, उसी तरह ऐसे अपराधी से समाज को बचाने के लिये उसे समाज से बिल्कुल अलग करना आवश्यक है।
सरकारी बांड से कमाई बढ़ने और कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी आने से विदेशी निवेशकों ने घरेलू पूंजी बाजार से अप्रैल महीने के दौरान 15,500 करोड़ रुपए की निकासी की। यह पिछले 165 महीनों की सर्वाधिक निकासी है।
65 फीसदी लोग चाहते हैं कि पॉस्को न्यायाधीश केवल नाबालिग से यौन दुर्व्यव्हार से संबंधित मामलों को संभालें।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने घरेलू शेयर और बॉन्ड बाजार से अब तक करीब 8,000 करोड़ रुपए की निकासी की है। इससे पहले मार्च में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में 11,654 करोड़ रुपए निवेश किए थे जबकि ऋणपत्र बाजार से नौ हजार करोड़ रुपए की निकासी की थी।
दुनियाभर में मौत की सजा में कमी आने के बावजूद चीन अभी भी फांसी की सजा देने के मामले में शीर्ष पर है। मृत्युदंड पर गुरुवार को जारी एमनेस्टी इंटरनेशनल की वार्षिक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ।
मिस्र की एक सैन्य अदालत ने कई गिरजाघरों पर जानलेवा बम विस्फोटों में भूमिका के लिए 36 लोगों को आज मौत की सजा सुनायी। वकीलों ने बताया कि काहिरा , अलेक्जेंड्रिया और नीद नदी के डेल्टा में स्थित टांटा शहर के कोप्टिक चर्चों में कई बम विस्फोटों में कम से कम 80 लोग मारे गये थे।
सार्वजनिक क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक बैंकों को इस महीने समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में सरकार से 46,101 करोड़ रुपए की इक्विटी पूंजी मिलेगी। इन बैंकों में एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक, यूनियन बैंक तथा ओबीसी शामिल हैं।
Sebi के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बाजारों-शेयर, ऋण और डेरिवेटिव्स- में पी-नोट्स निवेश के जरिए निवेश दिसंबर 2017 के 1,24,810 करोड़ रुपए से घटकर इस साल जनवरी अंत में 1,19,556 करोड़ रुपए पर आ गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने इक्विटी शेयर के निजी नियोजन के आधार 3,000 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाने की योजना टाल दी है। बैंक ने सरकार के 2,257 करोड़ रुपए की पूंजी डाले जाने के निर्णय के बाद योजना टाली है।
IDFC बैंक और कैपिटल फर्स्ट के मर्जर को मंजूरी मिल गई। IDFC बैंक ने इसका ऐलान किया और कहा कि इससे डिपॉजिट और कारोबार के विस्तार में काफी मदद मिलेगी।
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