बुलेटिन के मुताबिक, आने वाले प्रोजेक्ट्स की फंडिंग की चरणबद्ध रूपरेखा से पता चलता है कि इनके लिए अनुमानित पूंजीगत व्यय 2023-24 के 1.59 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 2.45 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।
डाउनस्ट्रीम कंपनियों का निवेश लक्ष्य से अधिक रहा। पीपीएसी की रिपोर्ट के अनुसार, आईओसी का पूंजीगत व्यय का बजट लक्ष्य 26,233 करोड़ रुपये था, लेकिन कंपनी का कुल खर्च 27,195 करोड़ रुपये रहा।
वित्त मंत्री ने कैपिटल एक्सेंडिचर को 34 फीसदी बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये करने का ऐलान किया है। सरकार के इस कदम से अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी।
कोल इंडिया ने बयान में कहा कि 2020-21 के 10,000 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। कुल 3,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश में सीआईएल की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक सब्सिडियरी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि.का हिस्सा करीब 800 करोड़ रुपये है।
23 नवंबर तक कुल 24,227 करोड़ रुपये (39.4 प्रतिशत) का लक्ष्य हासिल किया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इन उपक्रमों के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 61,483 करोड़ रुपये है।
वित्तवर्ष 2019-20 में, इन 14 सीपीएसई के लिए 1,11,672 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 1,16,323 करोड़ रुपये खर्च हुए जो कि टारगेट से ज्यादा है। वित्तवर्ष 2020-21 के लिए पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 1,15,934 करोड़ रुपये का है।
2020-21 की दूसरी तिमाही में निर्धारित पूंजी व्यय का 50% खर्च करने की योजना
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2019-20 में अब तक मंत्रालयों द्वारा कुल पूंजीगत व्यय (Capital expenditure) को लेकर आज दिल्ली में बैठक करेंगी।
ओएनजीसी के स्वामित्व वाली हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने कहा कि उसकी अगले पांच साल के दौरान 75,000 करोड़ रुपए की पूंजी व्यय करने की योजना है।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय के लिए 4500 करोड़ रुपए की राशि तय की है।
अशोक लेलैंड ने शुक्रवार को बताया कि बीएस-तीन मानक वाले वाहनों पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध का असर उसके 10,664 वाणिज्यिक वाहनों पर पड़ा है।
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