पंजाब में अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस पार्टी तोड़ेंगे तो कांग्रेस के 4 सांसद समेत करीब 20 से 25 विधायक भी कैप्टन के साथ जा सकते हैं। परनीत कौर, गुरजीत सिंह औजला, मनीष तिवारी, मोहम्मद सदीक आदि कैप्टन गुट के बताए जा रहे हैं।
अमरिंदर सिंह कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया है। इस फैसले को और मजबूत बनाते हुए उन्होंने अपने ट्विटर बायो से कांग्रेस भी हटा दिया है।
पंजाब में चल रही सियासी हलचल के बीच आज नवजोत सिंह सिद्धू आज चंडीगढ़ जाएंगे जहां उनकी मुलाक़ात CM चरणजीत सिंह चन्नी से होगी।
अमरिंदर सिंह ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के घर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हमले की निंदा करते हुए कहा कि सिब्बल पर इसलिए हमला हुआ क्योंकि उन्होंने कांग्रेस के लिए चिंता जताई थी और ऐसी बातें सामने रखी जो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को पसंद नहीं हैं।
कैप्टन इन दिनों दिल्ली में हैं और कल उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से मुलाकात की। इससे पहले कल उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले उन्होंने कल गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर कांग्रेस कैंप में खलबली मचा दी।
सुरजेवाला ने आरोप लगाया, दलित विरोधी राजनीति का केंद्र और कहीं नहीं, अमित शाह जी का निवास बना हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक, पंजाब के पूर्व मुख्यंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को नया कृषि मंत्री बनाया जा सकता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घर पर करीब 50 मिनट तक बैठक की। मोदी सरकार में कैप्टन अमरिंदर को नया कृषि मंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई है।
कैप्टन ने कहा था कि उन्हें अपमानित होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने नवजोत सिद्धू पर बड़ा हमला किया था। सिद्धू को एंटी नेशनल बताते हुए ऐलान कर दिया कि वो उन्हें पंजाब का CM नहीं बनने देंगे।
सूत्रों का कहना है कि अगर सिद्धू इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो कांग्रेस भी संभावित विकल्प की तलाश कर रही है। सूत्रों ने कहा कि महासचिव और पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत सभी वरिष्ठ नेताओं से बात कर रहे हैं और खुद को दिल्ली में एक अज्ञात स्थान पर रखा है।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान ने अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए मंथन भी शुरू कर दिया है।
बता दें कि 73 दिन पहले पंजाब कांग्रेस की कमान संभालने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने चार लाइन का इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा दिया। सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में सिद्धू ने कहा है कि वो पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकते इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू के घर उनके खेमे के नेताओं का जमावड़ा लगा है। कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रजिया सुल्ताना, परगट सिंह, विधायक कुलबीर सिंह जीरो उनके घर मौजूद हैं।
पंजाब कांग्रेस के महासचिव योगिंदर ढींगरा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे थोड़ी देर पहले ही कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने अपने पद से इस्तीफा दिया था और उससे कुछ पहले राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष पद से गुलजार इंदर सिंह चहल ने भी इस्तीफा दिया था। ये सारे इस्तीफे नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद आए है।
नवजोत सिंह सिद्धू के बाद अब कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। रजिया सुल्ताना पूर्व IPS अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी हैं। मोहम्मद मुस्तफा सिद्धू के सलाहकार हैं। इस्तीफे के बाद रजिया सुल्ताना ने सोनिया और राहुल गांधी का आभार जताया है।
पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की आंतरिक कलह फिर से सामने आने लगी है। राज्य में कांग्रेस के लिए मुसीबत कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। जिस नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त करके कांग्रेस पार्टी ने राज्य में अपने ताकतवर नेता अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया था उन्होंने हीं अब पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया है।
नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि मैंने इसके (सिद्धू के) बारे में पहले ही कहा था कि वह स्थिर नहीं है।
कैप्टन ने लिखा, "मैने आपको पहले ही बताया था.... वह (सिद्धू) एक स्थिर व्यक्ति नहीं है और न ही वह पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य के लिए फिट है।"
सिद्धू को कांग्रेस पार्टी ने करीब 2 महीने पहले यानि जुलाई में ही पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था। सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखे अपने त्यागपत्र में लिखा है कि वे अपने चरित्र के साथ समझौता नहीं कर सकते और समझौता करने से व्यक्ति की प्रतिष्ठा खत्म हो जाती है।
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